द केरल स्टोरी के बाद अब हिंदू और मुस्लमान को लेकर एक और फिल्म रिलीज के लिए तैयार
ट्रेलर में दावा- बहुमत मुसलमानों का हुआ तो कानून शरियत का होगा
The Diary of West Bengal: एक तरफ जहां द केरल स्टोरी का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है इसी बीच अब एक और फिल्म विवादों में घिरती हुई नजर आ रही है. ट्रेलर लगातार चर्चा में बना हुआ है. इस ट्रेलर को लेकर लोगों में आक्रोश का माहौल बन गया है. आलम ये है कि फिल्म के डायरेक्टर को पश्चिम बंगाल पुलिस ने नोटिस जारी कर दिया है. डायरेक्टर पर आरोप है कि वह अपनी फिल्म के जरिए बंगाल की छवि बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं.
लेकिन जिस ट्रेलर पर इतना विवाद हो रहा है आखिर उसकी कहानी क्या है? ‘द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल’ का ट्रेलर हिंदुओं के साथ हुए अन्याय को दिखाता है. फिल्म के मेकर जितेंद्र त्यागी उर्फ वसीम रिजवी की फिल्म ‘द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल’ पश्चिम बंगाल के हालात और वहां की राजनीति के बदलते हुए हालातों पर बेस्ड है. ट्रेलर की शुरुआत होते ही एक डायलॉग सुनने को मिलता है कि लोकतंत्र जनता द्वारा चुनी गई सरकार. लेकिन इसका एक मतलब ये भी है कि बहुमत अगर मुस्लमानों की होगा तो कानून भी शरियत का होगा.
जिसके बाद तुरंत ममता बनर्जी का किरदार निभाती हुई एक महिला नजर आती हैं जो CAA और NRC को जोर से बोलती हुई दिखाती देती है. ट्रेलर में पश्चिम बंगाल के दिन पर दिन बदतर होते जा रहे हालातों की झलक दिखाई गई है. लोगों का पलायन दिखाया गया है. फिल्म के ट्रेलर के मुताबिक बड़ी संख्या में बांग्लादेश के कट्टरपंथी संगठन रोहिंग्या मुसलमानों को पश्चिम बंगाल में बसाया जा रहा है.
कहानी के मुताबिक पश्चिम बंगाल अब कश्मीर से ज्यादा बदतर होता जा रहा है, असम के हिंदूओं के लिए पश्चिम बंगाल दूसरा कश्मीर बन गया है. यानी मेकर्स ने इस ट्रेलर के जरिए ये दिखाने की कोशिश की है कि किस तरह से पश्चिम बंगाल में हिंदुओं का उत्पीड़न किया जा रहा है और ये उत्पीड़न करने वाले कोई और नहीं बल्कि कट्टरपंथी मानसिकता रखने वाले मुसलमान हैं.