अमूल और नंदिनी दूध को विवाद ने राजनीतिक रंग ले लिया है,भारत के सबसे बड़े दूध ब्रांड अमूल के बैंगलुरू में दूध बेचने के प्रस्ताव से खड़ा हुआ हंगामा कर्नाटक चुनाव में मुद्दा बन गया है. अमूल के इस प्रयास को कर्नाटक मिल्क फ़ेडेरेशन (केएमएफ़) के ब्रांड नंदिनी के क्षेत्र में घुसपैठ के रूप में देखा जा रहा है.
ये बहस अमूल की तरफ़ से एक अधिकारिक ट्वीट करने के बाद शुरू हुई है. इसमें अमूल ने अपनी योजना के बारे में बताया था. अब मीडिया और सोशल मीडिया में इसे पश्चिमी राज्य गुजरात के ब्रांड के दक्षिणी राज्य कर्नाटक में अपने पैर पसारने की कोशिश के रूप में पेश किया जा रहा है और इस पर तीखी बहस हो रही है. राजनीतिक दृष्टि से देखा जाए तो ये क्षेत्रीय अस्मिता का मुद्दा बन गया है.
अमूल के इस क़दम पर इसलिए भी सवाल उठाए जा रहे हैं क्योंकि दूध उत्पादन संघों के बीच एक अलिखित आपसी समझ ये है कि एक सहकारी संघ दूसरे सहकारी संघ दूसरे सहकारी संघ के क्षेत्र में दख़ल नहीं देगा और दूसरे राज्यों में पैर नहीं पसारेगा.
लेकिन दूध सहकारी कारोबार में काम करने वाले अन्य ब्रांड के मुक़ाबले अमूल का नज़रिया अलग है.