सूरत। कांग्रेसी नेता राहुल गांधी की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रहीं हैं। मानहानी मामले में सूरत के सेशंस कोर्ट ने राहुल गांधी की याचिका खारिज कर दी है। बता दें कि सूरत एक सत्र न्यायालय ने राहुल गांधी को मोदी सरनेम वाली टिप्पणी को लेकर आपराधिक मामले में दोषी पाते हुए दो साल की सजा सुनाई थी। इस कारण राहुल गांधी संसद सदस्यता चली गई थी। सत्र न्यायालय से भी राहुल गांधी को निराश होना पड़ा। अब राहत पाने के लिए राहुल गांधी हाईकोर्ट में अप्लाई कर सकते हैं।
क्या है पूरा मामला
2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के कोलार की एक रैली में राहुल गांधी ने कहा था कि कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है?’ इस पर भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। इस पर सुनवाई करते हुए 23 मार्च को सूरत की सीजेएम कोर्ट ने भादंवि की धारा 504 के तहत राहुल को दो साल की सजा सुनाई थी। हालांकि, कोर्ट ने फैसले पर अमल के लिए 30 दिन की मोहलत भी दी थी।
इस मामले की सुनवाई के दौरान पूर्णेश मोदी ने कहा था कि राहुल गांधी के खिलाफ 10 से अधिक आपराधिक मानहानि के मामले चल रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट भी उन्हें फटकार लगा चुकी है। अब न्यायालय के इस फैसले से राहुल गांधी पर जेल जाने तलवार लटक रही है।
अब क्या होगा: जानकारों की मानें तो अब राहुल गांधी सेशंस कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं। अगर हाईकोर्ट से भी उनकी याचिका खारिज हो जाती है तो वह सुप्रीम कोर्ट में जा सकते हैं। कानून के एक जानकार के मुताबिक सेशंस कोर्ट के फैसले के खिलाफ यदि राहुल गांधी को तीन दिन क भीतर उन्हें हाईकोर्ट या किसी ऊपरी अदालत से राहत नहीं मिलती है तो उन्हें जेल जाना पड़ सकता है।