महाराष्ट्र में तेंदुए की बढ़ती संख्या पर लगाम लगाने के लिए तेंदुए की नसबंदी की मांग उठ रही हैं। इस संबंध में विधान परिषद के सदस्य सत्यजीत तांबे ने राज्य के वन मंत्री गणेश नाईक को पत्र भी लिखा है जिस पर मंत्री गणेश नाईक ने सहमति दिखाई है। वन मंत्री ने केंद्र सरकार से मदद लेने का आश्वासन दिया है।दरअसल महाराष्ट्र के कई जिलों में तेंदुए का आतंक देखने को मिल रहा है। खेत में काम कर रहे किसानों, मजदूरों, बच्चों पर तेंदुए लगातार हमले कर रहे हैं। इसका कारण माना जा रहा है राज्य में तेंदुओं की संख्या तेजी से बढ़ी है इसलिए तेंदुए की जनसंख्या पर लगाम लगाना जरूरी है। चालीसगांव तहसील के रंजनगांव के शिवरा गांव में खेल रही एक बच्ची को तेंदुआ घसीटकर काफी दूर तक ले गया। गांव वालों ने पीछा भी किया। बाद में बच्ची का क्षत-विक्षत शव एक खेत में मिला। पिछले चार महीनों से चालीसगांव तहसील में तेंदुए के हमले की लगातार घटनाएं हो रही है। राज्य के कई जिलों में तेंदुए के डर से किसान रात में घर से बाहर निकलना बंद कर दिए हैं।
नसबंदी तेंदुओं की संख्या कम करने का एक समाधान है। अगर जरूरत पड़ी, तो हम केंद्रीय मंत्रियों से भी इस पर चर्चा करेंगे। फिलहाल तो राज्य स्तर पर क्या कुछ किया जा सकता है, उस पर विचार कर रहे हैं। – गणेश नाईक, वन मंत्री, महाराष्ट
मध्य प्रदेश के बाद तेंदुओं की संख्या के मामले में महाराष्ट्र दूसरे नंबर पर है और भारत की तेंदुए की आबादी में इसका हिस्सा 14 प्रतिशत है। महाराष्ट्र में तेंदुओं की संख्या 2018 में 1,690 से थी जो 2022 में बढ़कर 1,985 हो गई है। तेंदुए के लिए सर्वेक्षण 2022 में किया गया था जिसे 2024 में प्रकाशित किया गया। वैसे, भारत में तेंदुए की कुल आबादी में भी अच्छी खासी वृद्धि देखी गई है। देश में 2018 में इनकी संख्या 12,852 से बढ़कर अब 13,874 हो गई है।