इजरायली एयरफोर्स ने ईरान पर हमले में हमदान की एयरबेस और फोर्दो न्यूक्लियर साइट को निशाना बनाया. कई सैन्य और परमाणु ठिकाने तबाह हुए. UNSC में इस मुद्दे पर चर्चा होगी.

ASN. इजरायली एयरफोर्स ने ईरान पर एक और बड़ा हमला किया है. बेंजामिन नेतन्याहू की आर्मी यानी IDF ने अब हमदान की सबसे बड़ी एयरबेस को नष्ट करने का दावा किया है. साथ ही, फोर्दो का अंडरग्राउंड न्यूक्लियर साइट पर भी हमले की बात सामने आ रही है. इस स्थान को ईरान का सबसे सुरक्षित और संवेदनशील परमाणु ठिकाना माना जाता है. इस हमले में ईरान के कई सैन्य और परमाणु ठिकाने तबाह हुए, जिसमें कासर-ए-शीरिन और कांजावर भी शामिल हैं. इजरायल ने साइबर हमलों और टारगेटेड किलिंग्स के माध्यम से ईरान की सैन्य क्षमता को कमजोर करने की कोशिश की है. यह कार्रवाई ईरान-इजरायल टकराव को और तेज कर सकती है, जबकि UNSC की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा होगी. ईरान और इजरायल में बढ़ते तनाव के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की एक आपात बैठक आज आधी रात भारतीय समयानुसार 1:23 बजे होने जा रही है. दुनिया दो खेमों में बंटी नजर आ रही है. अमेरिका और यूरोप जहां इजरायल को सैन्य और कूटनीतिक समर्थन दे रहे हैं, वहीं चीन और रूस खुलकर ईरान के साथ खड़े हैं. भारत इस पूरे मसले पर न्यूट्रल है. ऐसा इसलिए क्योंकि इजरायल और ईरान दोनों ही हमारे अच्छे दोस्त हैं. चीन और रूस ने हाल ही में एक प्रस्ताव का समर्थन किया है, जिसमें ईरान से क्षेत्रीय शांति बनाए रखने की अपील की गई है. चीन के विदेश मंत्रालय ने बयान दिया, “हम ईरान के साथ हैं और संवाद का समर्थन करते हैं,” वहीं, रूस ने ईरान को शांति का चैंपियन बताया. दूसरी ओर, अमेरिका ने इजरायल को हाई-टेक हथियार और खुफिया जानकारी दी है, जबकि यूरोपीय संघ के अधिकारी जोसेप बोरेल ने कहा, “इजरायल को आत्मरक्षा का अधिकार है.” अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहले ही यह साफ कर दिया था कि अगर ईरान परमाणु समझौते के लिए राजी नहीं हुआ तो आने वाले वक्त में ईरान पर और बड़े हमले किए जाएंगे. माना जा रहा है कि ईरान की सबसे सुरक्षित न्यूक्लियर साइट पर यह हमला इसी कड़ी में किया गया है. इजरायल के 70 से ज्यादा लोग, आर्मी अफसर व वैज्ञानिक इजरायली हमलों में मारे जाने की जानकारी सामने आ रही है.