पटना में धीरेंद्र शास्त्री का आज का दिव्य दरबार स्थगित

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सरकारी अव्यवस्था का खामियाजा

क्षमता से दोगुने लोगों के पहुंचने औैर गर्मी का दिया गया हवाला

पटना। अपना दिव्य दरबार लगाने के लिए पटना पहुंचे धीरेंद्र शास्त्री को सरकारी अव्यवस्था का सामना करना पड़ा। इस कारण आज लगनेवाला दिव्य दरबार भीषण गर्मी का हवाला देकर कैंसिल कर दिया गया है। कारण भले ही गर्मी का बताया जा रहा हो लेकिन प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार सरकार ने इस कार्यक्रम के लिए समुचित व्यवस्था नहीं की है। जिस जगह कार्यक्रम होना है उस तरैत मठ की क्षमता तीन लाख लोगों की है लेकिन सात लाख के करीब श्रद्धालु कार्यक्रम में पहुंचे।

हालांकि, रविवार देर रात आयोजन समिति ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा था कि लगातार बढ़ रही भी और गर्मी को देखते हुए सोमवार को लगने वाला दिव्य दरबार कैंसिल कर दिया गया है। कथा वाचन का समय भी परिवर्तित कर दिया गया था। लेकिन, दोपहर के मौसम को देखते हुए कार्यक्रम में बदलाव किया गया। सोमवार दोपहर करीब एक बजे आयोजन समिति ने दिव्य दरबार के कार्यक्रम की सामूहिक अर्जी निकाली जाएगी।। आयोजन समिति ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि भीड़ न लगाएं। अगर कथावाचन का समय पहले के तरह ही रखा गया। यानी हनुमंत कथा वाचन शाम 4 बजे से शाम 7 बजे तक किया जाएगा। आयोजन समिति के संरक्षक अरविंद ठाकुर ने कहा कि सामूहिक अर्जी लगेगी। बाबा खुद अर्जी की प्रॉयरिटी तय करेंगे। बाबा स्वत: पर्ची की पहचान करते हैं। लोगों से अपील है कि टीवी के माध्यम से भी लोग बाबा के दरबार में अर्जी लगा सकते हैं। श्रद्धालुओं की अप्रत्याशित भीड़ को देखते हुए सोमवार को लगने वाले दिव्य दरबार को कैसिंल किया गया था। आज बाबा सामूहिक पर्चा निकालेंगे। अरविंद ठाकुर ने कहा कि तरैत मठ की क्षमता 3 लाख लोगों की थी लेकिन 7 लाख श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। इधर, पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने लोगों से अपील की है कि जो जहां है वहीं से हनुमंत कथा को सुनें। अपने घर में रहकर ही कथा सुनें। उन्होंने कहा कि हनुमंत कथा रद्द नहीं होगी। अपने समय पर कथा होगी। लोगों से प्रार्थना की गई है कि बाकी लोगो को आने की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि कथास्थल वाले इलाके में जाम लग रहा है। ढाई-ढाई घंटे लोग जाम में फंस जा रहे। इसलिए अपील है घर में रहकर ही कथा सुनें। लाखों की भीड़ को देखते हुए अपील है कि कम से कम लोग पंडाल आएं। सोमवार को लगने वाले दरबार में सामूहिक अर्जी लगेगी। फिर जो हनुमान जी की इच्छा।

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