शादी के बाद बेटी का मकान पर होता है कितना अधिकार, सभी महिलाओं को पता होने चाहिए ये Property Rights

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भारत में महिलाओं के अधिकार क्या हैं? नहीं-नहीं कन्फ्यूज ना हों, मैं प्रॉपर्टी राइट्स की बात कर रही हूं। असल मायने में प्रॉपर्टी राइट्स को लेकर बहुत ज्यादा कन्फ्यूजन होता है। लोग ये नहीं समझते कि वाकई में महिलाओं के क्या अधिकार हैं। मैं आपको बता दूं कि भारतीय संविधान के मुताबिक प्रॉपर्टी के मामले में महिलाओं को बहुत सारी सुविधाएं मिलती हैं। प्रॉपर्टी के मामले में कई बार लोग आपको सही मार्गदर्शन भी नहीं दे पाते हैं। तो चलिए आज बताते हैं आपके अधिकारों से जुड़ी कुछ खास बातें।

कौन से तीन अधिकार महिलाओं से छीने नहीं जा सकते हैं?

प्रॉपर्टी के मामले में वैसे तो बहुत सारे नियम हैं, लेकिन तीन ऐसे भी हैं जिन्हें बिल्कुल किसी भी हालत में छीना नहीं जा सकता है। अगर कोई ऐसा करने की कोशिश कर रहा है, तो उसपर कानूनी कार्यवाही की जा सकती है।

पहला अधिकार

महिला द्वारा खरीदी गई प्रॉपर्टी को किसी भी तरह से कोई छीन नहीं सकता है। अगर प्रॉपर्टी महिला के नाम पर है, तो उसपर उसी का अधिकार होगा।

दूसरा अधिकार

महिला को अपने घर से बाहर नहीं निकाला जा सकता है। अगर वो शादी करके किसी घर में गई है तो ससुराल वालों को उसे रखना ही होगा। उसके ससुराल पर उसका खुद का अधिकार होगा।

तीसरा अधिकार

महिला का अपने पति या पिता की  प्रॉपर्टी पर अधिकार होता है। अगर उसे विरासत में अगर कोई प्रॉपर्टी मिली है, तो उसे कोई छीन नहीं सकता। हालांकि, इनहेरिटेंस को लेकर अलग-अलग धर्मों के अलग नियम हैं।

धर्मों के हिसाब से महिलाओं को मिलने वाले प्रॉपर्टी राइट्स

भारत में कई धर्म हैं और सभी के अलग नियम। प्रॉपर्टी को लेकर भी ऐसा ही है। यही कारण है कि अगर किसी महिला की शादी किसी अन्य धार्मिक कोड से होती है, तो प्रॉपर्टी राइट्स भी बदल जाते हैं।

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