ASN. उत्तराखंड के बाद अब गुजरात में भी समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने की तैयारी शुरू हो गई है। इसे लागू करने के लिए एक समिति बनाई गई है। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश रंजना देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति गठित की गई है। यह समिति 45 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगी, जिसके आधार पर सरकार फैसला लेगी।

गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने इसे ऐतिहासिक निर्णय बताया। उन्होंने कहा कि हम सभी एक देश के नागरिक हैं और भारतीयता ही हमारी पहचान है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी के समान अधिकार की बात करते हैं और गुजरात इस दिशा में आगे बढ़ रहा है। गृह मंत्री ने यह भी बताया कि सरकार अपने सभी वादों को पूरा करने के लिए कदम उठा रही है, चाहे वह धारा 370 हो, एक देश एक चुनाव हो तीन तलाक हो, या नारी शक्ति वंदना आरक्षण। इसी तरह अब यूसीसी को लागू करने के लिए भी काम किया जा रहा है।
गुजरात सरकार ने 2022 में एक समिति बनाई थी। जो यह जांच कर रही थी कि राज्य में यूसीसी की जरूरत है या नहीं। इस पैनल ने इसे लागू करने के लिए एक मसौदा तैयार करने में भी अहम भूमिका निभाई है। आपराधिक कानून: इसमें चोरी, हत्या या हिंसा जैसे अपराध आते हैं। जिनके लिए सभी धर्मों और समुदायों के लिए एक समान नियम और सजा होती है। सिविल कानून: यह शादी, तलाक, संपत्ति विवाद जैसे मामलों से जुड़ा होता है। भारत में हर धर्म के लिए अलग-अलग पर्सनल लॉ हैं, जैसे हिंदू मैरिज एक्ट, मुस्लिम पर्सनल लॉ आदि। यूसीसी लागू होने से सभी धर्मों के लिए शादी, तलाक और संपत्ति से जुड़े नियम समान हो जाएंगे।उत्तराखंड यूसीसी लागू करने वाला पहला राज्य बन चुका है। यह कानून शादी, तलाक, विरासत और लिव-इन रिलेशनशिप जैसे मामलों को नियंत्रित करता है। इसके तहत अब उत्तराखंड में बहुविवाह और बाल विवाह की अनुमति नहीं होगी।