चेस ओलंपियाड में भारत की महिला टीम ने इतिहास रच दिया है। चेस ओलंपियाड में भारत को पहली बार महिला वर्ग में गोल्ड मेडल सुनिश्चित हुआ है।
चेस ओलंपियाड में भारत की महिला टीम ने इतिहास रच दिया है। चेस ओलंपियाड में भारत को पहली बार महिला वर्ग में गोल्ड मेडल सुनिश्चित हुआ है। भारत की महिला टीम ने अज़रबेजान को हराकर अपनी जीत की राह तय की। भारत की दिव्या देशमुख, वंतिका अग्रवाल, डी हर्षिका ने जीत हासिल की जबकि आर वैशाली ने ड्रा किया। 45वें चेस ओलंपियाड के फाइनल में भारत ने इतिहास रचा है। देश के चेस खिलाड़ियों ने इस बार ओपन सेक्शन में भी गोल्ड जीता है।
चेस ओलंपियाड में पहली बार भारत के हिस्से में डबल गोल्ड आया है। दरअसल, महिला वर्ग में भारत के गोल्ड जीतने के पहले ओलंपियाड के ओपन सेक्शन में भी इंडिया ने गोल्ड जीतकर सबको मात दिया है। भारतीय चेस के इतिहास में यह उपलब्धि एक मील का पत्थर साबित होगी। यह देश में महिला चेस खिलाड़ियों के कौशल को प्रदर्शित करता है।
चेस के प्रति बढ़ेगा रूझान
चेस ओलंपियाड में भारत की इस उपलब्धि के बाद इस खेल से जुड़े लोग आशावान हैं कि देश में इस खेल के प्रति युवाओं और बच्चों का रूझान बढ़ेगा। भारत में कई युवा खिलाड़ी डी.गुनेश, आर.प्रज्ञानंदा, अर्जुन एरिगैसी इंटरनेशनल लेवल पर बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं। महिला खिलाड़ी भी बेहतर कर रही हैं। माना जा रहा है कि इस जीत से युवतियों में भी इस खेल के प्रति चाहत बढ़ेगी और अधिक संख्या में इस खेल में खिलाड़ी आएंगे।
स्पांसर्स भी मिलेंगे
इंटरनेशनल लेवल पर भारतीय चेस प्लेयर्स के बेहतर करने के बाद इस खेल के विकास के लिए स्पांसर्स की भी कमी दूर होती। इस सफलता के बाद चेस में प्रायोजन और निवेश को आकर्षित किया जा सकता है जिससे टूर्नामेंटों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों का विस्तार होगा। इससे खिलाड़ियों को बेहतर अवसर मिलेंगे।