-शिवकुमार बोले- CM की कुर्सी से समझौता नहीं
– रणदीप सुरजेवाला ने कहा- पार्टी में All is Well
बेंगलुरु। कर्नाटक विधानसभा चुनाव भले ही कांग्रेस भारी बहुमत से जीत गई हो लेकिन अब सीएम की कुर्सी को लेकर कांग्रेस में अंदरूनी लड़ाई तेज होती जा रही है। एक तरफ सिद्धारमैया बेंगलुरु से दिल्ली के लिए रवाना हो चुके हैं, तो दूसरी तरफ डीके शिवकुमार अपनी सिफारिश में जुटे हैं। वह सीएम की कुर्सी से समझौते के मूड में नहीं हैं। बताया जा रहा है कि उन्होंने कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल से बात की और खुद को मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग की। इसके पीछे उन्होंने वजहें भी गिनाई। इस बीच खबर है कि आज शाम तक शिवकुमार भी दिल्ली आ सकते हैं। सूत्रों के अनुसार शिवकुमार का कहनना है कि पुराने मैसूर क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी को उन्हीं की वजह से जीत मिली। जेडीएस का पांच फीसदी वोक्कालिंगा वोट उन्हीं की वजह से कांग्रेस में शिफ्ट हुआ। शिवकुमार ने सिद्धारमैया की पुरानी बातें भी याद कीं। बताया कि 2013, 2014 और 2015 में गलत आरोपों की वजह से सिद्धारमैया ने उन्हें मंत्रिपद नहीं दिया था। सूत्रों के मुताबिक शिवकुमार ने सीएम की कुर्सी के लिए किसी भी समझौते से साफ इनकार किया है।
इधर सिद्धारमैया ने बेंगलुरु से दिल्ली रवाना होने से पहले बड़ा बयान दिया। उन्होंने दावा किया कि अधिकतर विधायकों का उन्हें समर्थन है। ज्यादातर विधायकों ने उन्हें ही सीएम बनाने के पक्ष में मतदान किया। सिद्धारमैया ने कहा कि अधिकतर विधायक ‘मुझे ही सीएम बनाना चाहते हैं.’ डीके शिवकुमार के साथ मेरे अच्छे संबंध हैं।
कांग्रेस के पर्यवेक्षक भी कर्नाटक में थे।वह आज दोपहर दिल्ली पहुंचेंगे। पर्यवेक्षक कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को विधायकों की राय बताएंगे। इसके बाद माना जा रहा है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ चर्चा होगी। इस बीच जानकारी है कि सोनिया गांधी शिमला में हैं। ऐसे में उनसे फोन पर बातचीत की उम्मीद है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद पर आज शाम या कल तक मुहर लगने की उम्मीद है।
कांग्रेस हाई कमान ने सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार दोनों को दिल्ली आने का निर्देश दिया था। सिद्धारमैया तो दिल्ली के लिए रवाना हो चुके हैं, लेकिन शिवकुमार ने दिल्ली आने से इनकार कर दिया। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि वह दिल्ली नहीं जाएंगे, और जो उन्हें करना था कर दिया है। राज्य के अगले मुख्यमंत्री पर कांग्रेस हाई कमान को 17 अप्रैल तक फैसला करना है। इसके अगले दिन 18 अप्रैल के लिए शपथग्रहण शेड्यूल है।