गगनयान लॉन्च करने में जल्दबाजी नहीं: सोमनाथ

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कहा,  हम नया रॉकेट ‘हवा’ कर रहे विकसित

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) रोज नई-नई इबारत लिख रहा है। ऐसे कई मिशन इसरो ने बड़ी आसानी से कर दिए जिनको विकसित देशों ने काफी मुश्किल से किया। अब इसरो चीफ सोमनाथ ने बताया कि हाइपरसोनिक एयर ब्रीदिंग यान ‘हवा’ के संबंध में अंतरिक्ष एजेंसी की परीक्षण सुविधा के बारे में जल्द ही एक घोषणा होगी। इसरो चीफ सोमनाथ इस बात पर जोर दिया कि इसरो का ध्यान ‘एयर ब्रीदिंग’ तकनीक पर नहीं था क्योंकि वह अंतरिक्ष को लेकर ज्यादा काम करना चाहता है।

‘एयर ब्रीदिंग’ इंजन वे होते हैं जो ईंधन जलाने के लिए आसपास के परिवेश से हवा लेते हैं, जैसे जेट इंजन। इसलिए यह अंतरिक्ष यात्रा के लिए उपयुक्त नहीं है क्योंकि अंतरिक्ष में कोई हवा या वायुमंडल नहीं है। सोमनाथ ने कहा कि हम 200 से अधिक सेकंड के लिए हाइपरसोनिक गति से उड़ान भरने के लिए एक नया रॉकेट जिसका नाम ‘हवा’ है उसे विकसित कर रहे हैं। आप हवा में सांस लेने के लिए नए ईंधन के साथ हमारे परीक्षण संयंत्र के बारे में भी जल्द ही कुछ घोषणाएं सुनेंगे।



हवा (HAVA) का मतलब हाइपरसोनिक एयर ब्रीथिंग व्हीकल विथ एयर इंटीग्रेशन सिस्टम है। ‘एयर ब्रीदिंग’ तकनीक को लेकर हुई प्रगति के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में सोमनाथ ने कहा कि इसरो इसे किसी रॉकेट के तत्काल इनपुट के तौर पर नहीं बल्कि प्रौद्योगिकी क्षमता के तौर पर देख रहा है।


इसरो प्रमुख सोमनाथ ने बताया कि अगर वहां हवा है, तो वह अंतरिक्ष नहीं है। उन्होंने कहा कि इसरो मुख्य रूप से ‘एयर ब्रीदिंग’ तकनीक में बहुत ज्यादा शामिल नहीं है क्योंकि हम हवा में नहीं रहना चाहते, हम अंतरिक्ष में जाना चाहते हैं। लेकिन हम प्रौद्योगिकी का विकास करते हैं क्योंकि क्षमताओं के मामले में यह एक बहुत ही उच्च तकनीक है जो हमारे पास है- दहन आदि के संदर्भ में। इसलिए हम इंजन का परीक्षण कर रहे हैं। हम अपनी महेंद्रगिरि सुविधा में परीक्षण कर रहे हैं जहां हमने हाइपरसोनिक परीक्षण सुविधा स्थापित की है।


इसरो के प्रमुख सोमनाथ ने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को अंतरिक्ष में मानवयुक्त मिशन गगनयान लॉन्च करने में कोई जल्दबाजी नहीं है। उन्होंने कहा कि गगनयान को 2022 में लॉन्च करने के लिए तैयार किया गया था, लेकिन कोविड -19 के कारण इसमें देरी हुई। आगे कहा कि हमारी सोच अब अलग है। हमारी सोच ऐसी है कि हम जल्दबाजी नहीं करना चाहते। यह फैसला हमने लिया है। मानव अंतरिक्ष उड़ान का प्राथमिक उद्देश्य एक सुनिश्चित शॉट सुरक्षित मिशन है।

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