अंतरिक्ष की गहराइयों में एक दुर्लभ खोज
वॉशिंगटन : वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष की गहराइयों में एक दुर्लभ खोज की है। धरती से लगभग 104 प्रकाश वर्ष की दूरी पर एक सफेद बौने तारे की पहचान की गई है जो मुख्य रूप से कार्बन और धातु ऑक्सीजन से बना है। इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के मुताबिक यह ठंडा होने पर ‘कॉस्मिक डायमंड’ में बदल सकता है।
जब सूरज की तरह एक तारा अपने अंत के करीब पहुंचता है तो वह एक सफेद बौने सितारे में बदल जाता है जो बेहद गर्म होता है। इनमें से कुछ तारे धीरे-धीरे कठोर होकर क्रिस्टल में बदल जाते हैं। खगोलविदों ने ऐसे ही एक तारे को देखा था जो ठंडा हो गया है और इसका कोर ‘कॉस्मिक डायमंड’ में बदल सकता है।
एक अध्ययन में वैज्ञानिकों ने इस सफेद तारे के बारे में बताया है। ईंधन के अभाव में अपने अंत की तरफ बढ़ते ये बौने सितारे अवशिष्ट ऊष्मा के साथ चमकते हैं और समय के साथ ठंडे हो जाते हैं। आखिर में ये क्रिस्टलीकृत कार्बन से बने काले बौने सितारों में बदल जाते हैं। हालांकि इस प्रक्रिया में एक क्वाड्रिलियन साल लग जाते हैं। चूंकि हमारा ब्रह्मांड सिर्फ 13.8 बिलियन साल पुराना है इसलिए एक पूरी तरह से क्रिस्टलीकृत तारे को देखना हमारे लिए संभव नहीं है।
शोधकर्ताओं के अनुसार
लेकिन शोधकर्ताओं के अनुसार हम ब्रह्मांड में सफेद बौने सितारों के कोर में क्रिस्टलीकरण के संकेत देख सकते हैं। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के Gaia टेलिस्कोप की मदद से वास्तविक चमक और उम्र के आधार पर किसी तारे की पृथ्वी से दूरी को मापना आसान हो गया है।
एचडी 190412 नामक तीन सितारों के एक सिस्टम के साथ Gaia स्पेस टेलिस्कोप के डेटा से यह खोज संभव हुई है। शोधकर्ताओं को संदेह है कि स्टार सिस्टम लगभग 7.3 बिलियन साल पुराना है और सफेद बौने सितारे की उम्र लगभग 4.2 बिलियन साल हो सकती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि पृथ्वी के इतने निकट इस प्रणाली की खोज से पता चलता है कि ब्रह्मांड में कई समान स्टार सिस्टम हो सकते हैं।