अब ‘घड़ी’ के साथ ‘समय’ भी बीजेपी के साथ

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क्या अजित पवार का ‘विद्रोह’ दल-बदल विरोधी कानून से बच पाएगा?

अजित पवार और एनसीपी के अन्‍य नेताओं के महाराष्‍ट्र सरकार में शामिल होने से घमासान मचा हुआ है. (फोटो- ANI )

मुंबई. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और अब तक राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ लेने के बाद दावा कि वह ही असली एनसीपी हैं और पार्टी के सभी विधायक उनके साथ हैं. इधर, एनसीपी के 40 नेताओं ने अजित पवार को अपना समर्थन दिया है.

दलबदल विरोधी कानून के प्रावधानों को दरकिनार करने के लिए, पवार को 36 से अधिक विधायकों के समर्थन की आवश्यकता होगी.

अजित पवार के इस कदम से महाविकास अघाड़ी ‘शिवसेना कांग्रेस एनसीपी गठबंधन’ को तगड़ा झटका लगा है. सूत्रों ने कहा कि अजित पवार ने मुंबई के अपने आधिकारिक आवास ‘देवगिरी’ में पार्टी के कुछ नेताओं और विधायकों से मुलाकात करने के बाद ये फैसला किया था.

इस बैठक को लेकर तब पुणे में मौजूद राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि उन्हें इस बैठक की जानकारी नहीं है, लेकिन विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में अजित पवार विधायकों की बैठक बुला सकते हैं.

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