बैठक में शरद पवार को आराम करने की दी सलाह Ajit Pawar ने
महाराष्ट्र की राजनीति में आए भूचाल के बाद आज राकांपा के दो गुट अपने-अपने समर्थकों के साथ बैठक कर रहे हैं। पार्टी पर कब्जे की इस लड़ाई में चाचा शरद पवार और भतीजे Ajit Pawar में से किसका पलड़ा भारी है, इसपर हर किसी की नज़र टिकी है। अजित पवार ने कहा कि पार्टी के अंदर कई तरह के गेम खेले गए हैं, मैं भी अब पूरे राज्य में दौरा करूंगा। पार्टी के अंदर हमें कुछ कहा गया था, लेकिन बाद में कुछ और किया गया।
हमें आप सभी के आशीर्वाद की जरूरत है। विधायकों के सामने अजित पवार ने कहा कि पार्टी का नाम और निशाना हमारा रहेगा, हमें फिर से अपनी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी बनाना है। देश में आज मोदीजी की अगुवाई में भाजपा का राज है, 2024 में भी वही वापस आएंगे। अजित पवार ने कहा कि काम करने के लिए पद चाहिए होता है, जब 2004 में कांग्रेस के कम विधायक आए थे तब भी उन्हें सीएम पद दिया गया था।
अगर हमारा सीएम बना होता तो अबतक राज्य में एनसीपी का ही मुख्यमंत्री रहता। अजित पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में कुछ योजनाओं को लागू करने के लिए मैं मुख्यमंत्री बनना चाहता हूं, हम अपने किसी भी कार्यकर्ता को दूर नहीं होने देंगे। अजित पवार ने अपने संबोधन में साल 2019 में हुई शरद पवार और देवेंद्र फडणवीस की मीटिंग का जिक्र किया।
अजित ने शरद पवार को लेकर कहा कि आपकी उम्र ज्यादा हो गई है तो हमें आशीर्वाद दीजिए, हम आपके घर में पैदा नहीं हुए हैं तो इसमें हमारी क्या गलती है। आपने सुप्रिया सुले को पार्टी अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव दिया था, उसके लिए हम तैयार थे। जब आपको इस्तीफा वापस ही लेना था तो दिया ही क्यों था।
जब हम कांग्रेस के साथ थे…
अजित पवार ने अपने संबोधन में कहा कि जब हम कांग्रेस के साथ थे, तब कहा जाता था कि सोनिया गांधी परदेसी हैं इसलिए वो प्रधानमंत्री नहीं बन सकतीं, लेकिन उसके बाद भी कांग्रेस की सरकार आई थी। हम बस महाराष्ट्र को नंबर-1 बनाना चाहते हैं, ये काम विपक्ष में बैठकर नहीं हो सकता है। अजित पवार ने दावा किया कि जल्द ही शरद पवार गुट की तरफ से अभी अन्य विधायक हमारे साथ आएंगे। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने बुधवार दोपहर को अपने गुट के विधायकों की बैठक को संबोधित किया। उनके साथ कुल 32 विधायक हैं, इनमें 30 मीटिंग में मौजूद रहे जबकि 2 विदेश में हैं।
अजित पवार ने बैठक में कहा कि शरद पवार हमारे देवता हैं, हम उनकी छत्रछाया में काम करने के लिए तैयार हैं। हम संविधान को ध्यान में रखकर ही इस सरकार का हिस्सा बने हैं, हम साहेब के साथ हैं लेकिन जिस तरह की राजनीति चल रही है उसे देखकर हमने ये फैसला लिया है।