लापरवाह प्रशासन, भंडारा के अशोकनगर में श्मशानभूमि ही नहीं

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नागरिकों ने ग्राम पंचायत उमरी और मुख्यमंत्री को भेजा निवेदन

भंडारा. एक ओर देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है,  वहीं दूसरी ओर भंडारा तहसील के अशोकनगर (फुलमोगरा) गाँव में कोई श्मशान भूमि तक नहीं है। इस कारण यहां के लोगों को मृतकों के अंतिम संस्कार करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। खास तौर पर बारिश के मौसम में समस्याएं हद से ज्यादा बढ़ जाती है।.

ग्राम पंचायत मुद्दे नजरअंदाज कर रहे

बार-बार ध्यानाकर्षण करने के बाद भी प्रशासन और ग्राम पंचायत उमरी इस अहम मुद्दे की नजरअंदाज कर रहे हैं।  इस कारण अशोकनगर में श्मशानघाट का शीघ्र निर्माण करने की मांग नागरिकों ने ग्राम पंचायत उमरी और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को भेजे निवेदन में की है।

यहां के नागरिकों को परेशान होना पड़ता है

बता दें कि अशोकनगर गांव की स्थापना को सौ साल से ज्यादा बीत चुके हैं। आजादी के पहले से बसा यह गांव आज भी बुनियादी सुविधाओं को तरस रहा है। खास तौर पपर अशोकनगर गांव में जब किसी की मृत्यु हो जाती है तो उसके शव के अंतिम संस्कार के लिए यहां के नागरिकों को परेशान होना पड़ता है। श्मशान घाट के अभाव में मृतकों का अंतिम संस्कार खुली जगह पर करना पड़ता है।

नागरिकों ने निवेदन में चेतावनी दी

इस कारण नागरिकों ने निवेदन में चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो प्रशासन के खिलाफ अनिश्चितकालीन जन आंदोलन शुरू किया जाएगा। निवेदन पर सचिन गेदाम, विशाल घरड़े, नवनीत घरड़े, राजेश मेश्राम, तनोज बैज, निशांत रामटेके, राहुल रामटेके, अजय चव्हाण, प्रीत वाकर, आशीष बागड़े और मनीषा सुखदेवे, प्रियंका गेदाम, प्रतिमा सारदे, पुष्पा रोडगे, शीला घरड़े, सपना बोरकर, जूही थेरे घरदे, मंदा दहाके और गांव के नागरिकों के हस्ताक्षर हैं

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