Tamilnadu को NEET EXAM नहीं चाहिए, NEET से नहीं होगा मेडिकल में प्रवेश, विधानसभा में प्रस्ताव पास, राष्ट्रपति को मंजूरी के लिए भेजा

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गवर्नर आरएन रवि के शनिवार को बिल पर कहा था कि वह राष्ट्रीय प्रवेश-सह-पात्रता परीक्षा (एनईईटी) के खिलाफ तमिलनाडु विधानसभा द्वारा अपनाए गए विधेयक को कभी मंजूरी नहीं देंगे।

तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री सुब्रमण्यम ने राज्य में एंटी बिल पर राज्यपाल आरएन रवि के बयान की आलोचना की है। सुब्रमण्यम ने कहा कि गवर्नर को एंटी-एनईईटी बिल से कोई लेना देना नहीं है।

बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा गया है। गवर्नर आरएन रवि के शनिवार को एनईईटी बिल पर कहा था कि वह राष्ट्रीय प्रवेश-सह-पात्रता परीक्षा (एनईईटी) के खिलाफ तमिलनाडु विधानसभा द्वारा अपनाए गए विधेयक को कभी मंजूरी नहीं देंगे।

क्या कहा तमिल मंत्री ने गवर्नर आरएन रवि को?

तमिलनाडु के स्वास्थ्य मिनिस्टर सुब्रमण्यम ने कहा कि तमिलनाडु विधानसभा ने एनईईटी के दायरे से राज्य को छूट की मांग करते हुए फिर से एक विधेयक पास किया है। इस विधेयक को पूर्व में राज्यपाल आरएन रवि ने लौटाया था। गवर्नर ने कोई दूसरा ऑप्शन नहीं छोड़ा था।

इस विधेयक के अलावा विधानसभा के पास कोई विकल्प नहीं था, इसलिए इसे फिर से मंजूरी के साथ राष्ट्रपति के पास अब भेज दिया गया है। राज्यपाल का अब इस बिल से कोई लेना देना नहीं है। अब उनका काम खत्म हो गया है।

सुब्रमण्यम ने कहा कि अगर राष्ट्रपति संतुष्ट होती हैं और विधेयक को मंजूरी देती हैं तो मंजूरी की जानकारी केवल राज्यपाल के साथ साझा की जाएगी। ऐसी स्थिति में एनईईटी विरोधी विधेयक के खिलाफ उनकी टिप्पणी अशांत जल में मछली पकड़ने के समान है।

उन्होंने कहा कि एक राज्यपाल को आदर्श रूप से राज्य सरकार की कल्याणकारी पहलों का समर्थन करना चाहिए लेकिन NEET के खिलाफ डीएमके शासन का रुख जनता की भावना को प्रतिबिंबित करता है। उन्होंने कहा कि डीएमके अध्यक्ष और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने 2021 में चुनाव में सत्ता में आने पर केंद्रीय योग्यता परीक्षा को खत्म करने का चुनावी आश्वासन दिया था।

क्वालिफाइंग टेस्ट NEET ही रहेगा

शनिवार को ‘डेयर टू थिंक सीरीज़’ कार्यक्रम में यूजी-2023 में टॉप NEET स्कोरर्स के साथ अपनी बातचीत में आरएन रवि ने कहा था कि एनईईटी के बिना उपलब्धियां भविष्य के लिए पर्याप्त नहीं। उन्होंने दावा किया था कि क्वालीफाइंग टेस्ट यहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि देखिए, मैं मंजूरी देने वाला आखिरी व्यक्ति होऊंगा तो भी मंजूरी नहीं दूंगा। मैं नहीं चाहता कि मेरे बच्चे बौद्धिक रूप से अक्षम महसूस करें। मैं चाहता हूं कि हमारे बच्चे प्रतिस्पर्धा करें और सर्वश्रेष्ठ बनें।

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