दुनिया के लगभग सभी देशों की धार्मिक आबादी में काफी तेजी से बदलाव दर्ज किया जा रहा है. इसको लेकर अमेरिकन थिंक टैंक प्यू रिसर्च सेंटर ने एक अध्ययन किया है. प्यू रिसर्च सेंटर ने ये शोध 2015 में किया था. स्टडी में पाया गया कि अगले चार दशक के भीतर दुनिया में धार्मिक आबादी में काफी तेज और बड़ा बदलाव हो सकता है. शोध के दायरे में ईसाई, इस्लाम और कई दूसरे धर्मों समेत हिंदू धर्म को भी रखा गया था. शोध के जरिये ये समझने की कोशिश की गई कि अगले 40 साल में कौन से देश में किस तरह की धार्मिक आबादी सबसे ज्यादा हो सकती है.
प्यू रिसर्च सेंटर के अध्ययन में पाया गया कि 2050 में हिंदू धर्म को मानने वाले लोगों की आबादी वैश्विक आबादी की 15 फीसदी पर पहुंच जाएगी. वहीं, भारत में सबसे बड़ी आबादी अभी की ही तरह हिंदू धर्म को मानने वाले लोगों की ही होगी. अध्ययन के मुताबिक, भारत में 2050 तक हिंदू आबादी 1.297 अरब पहुंच सकती है. फिलहाल देश में हिंदू धर्म को मानने वाले सबसे ज्यादा हैं, जो कुल जनसंख्या का 79 फीसदी से ज्यादा हैं. हिंदू आबादी के मामले में भारत के बाद दूसरे नंबर पर नेपाल है, जहां हिंदुओं की आबादी 3.812 करोड़ होगी.
नेपाल और बांग्लादेश में भी हिंदुओं की बड़ी आबादी
नेपाल की जनगणना 2011 में करीब 81.3 फीसदी नेपाली लोगों ने खुद को हिंदू बताया था. साल 2006 से पहले ये देश हिंदू राष्ट्र रह चुका है. इसके बाद नेपाल ने खुद को धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र घोषित कर दिया था. हालांकि, अब राजनीतिक और आर्थिक संकट के बीच नेपाल में धर्म परिवर्तन की खबरें जमकर आने लगी हैं. बांग्लादेश दुनिया का ऐसा तीसरा देश होगा, जहां सबसे ज्यादा हिंदू आबादी होगी. साल 2011 में बांग्लादेश में हुई जनगणना के आंकड़े बताते हैं कि यहां हिंदू धर्म ऐसा पहला अल्पसंख्यक समुदाय है, जिसकी करीब 8.96 फीसदी आबादी है. मौजूदा समय में आबादी के मामले में बांग्लादेश भारत और नेपाल के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा हिंदू राष्ट्र है.
हिंदू आबादी के मामले में अमेरिका होगा पांचवां देश
पाकिस्तान में करीब 56.3 लाख हिंदू हैं. लिहाजा, पाकिस्तान चौथा ऐसा देश है, जहां सबसे ज्यादा हिंदू आबादी है. हालांकि, अभी पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय हिंदू के हालात बहुत खराब हैं. पाकिस्तान से भी जबरन धर्म परिवर्तन की खबरें दुनिया के सामने आती रहती हैं. ऐसे में कहा नहीं जा सकता कि पाकिस्तान में हिंदुओं के लिए भविष्य में हालात कैसे बनेंगे. अध्ययन के मुताबिक, सबसे ज्यादा आबादी के मामले में अमेरिका पांचवें पायदान पर हो सकता है. प्यू रिसर्च सेंटर के मुताबिक, साल 2050 में अमेरिका में 47.8 लाख हिंदू होंगे. प्यू रिसर्च सेंटर ने ‘रिलिजियस लैंडस्केप स्टडी’ के तहत ये औसत निकाला था, तब साल 2015 में अमेरिका की हिंदू आबादी 22.3 लाख हो चुकी थी.
ईसाई होंगे कम, मुस्लिम आबादी में होगा इजाफा
अमेरिका के बाद छठे पायदान पर इंडोनेशिया हो सकता है. अध्ययन के मुताबिक, अगले 27 साल में इंडोनेशिया में हिंदू आबादी 41.5 लाख हो सकती है. फिलहाल इंडोनेशिया एक मुस्लिम बहुल राष्ट्र है. बाकी सभी धर्मों की आबादी यहां अल्पसंख्यक हैं, जिनमें हिंदू भी हैं. इसके बाद श्रीलंका, मलेशिया, ब्रिटेन और कनाडा में हिंदुओं की आबादी ज्यादा हो सकती है. हालांकि, इसके 40 लाख से 10 लाख के बीच सिमटने का अनुमान लगाया गया है. नए डेमोग्राफिक ट्रेंड से कई बातें निकलकर आ रही हैं. जैसे अगले कुछ दशक में ईसाई धर्म को मानने वाली आबादी कम होगी, जबकि मुस्लिम आबादी तेजी से बढ़ेगी. ऐसे में दुनिया में पहली बार ईसाई और मुस्लिम धर्म करीब-करीब बराबरी पर आकर खड़े होंगे.