Hamas Chief : रिफ्यूजी कैंप में जन्मा इस्माइल हानियेह अरबों का मालिक

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इस्माइल हानियेह का जन्म 1962 में गाजा पट्टी के अल-शती शरणार्थी शिविर में हुआ था. उसने गाजा इस्लामिक विश्वविद्यालय में अरबी साहित्य का अध्ययन किया और फिर वह हमास से जुड़ गया.

रिफ्यूजी कैंप में जन्मा हमास चीफ इस्माइल हानियेह कैसे बना अरबों का मालिक? पढ़ें पूरी कहानी

7 अक्टूबर को इज़राइल के खिलाफ हमास के हमले की शुरुआत के कुछ ही समय बाद एक वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहा था, जिसमें हमास का नेता इस्माइल हानियेह कतर की राजधानी दोहा में अपने कार्यालय में कई लोगों के साथ बैठकर खूनी हमले को देख रहा था. इन हमलों के पीछे इजराइल ने इस्माइल हानियेह का दिमाग और कई महीनों तक हमास के कमांडरों के साथ साजिश बताया है. दूसरे देश में बैठकर इजराइल के खिलाफ जंग की तैयारी करने वाला इस्माइल की संपत्ति अरबों में बताई जाती है.

2006 में फ़तह के ख़िलाफ़ फ़िलिस्तीनी चुनावों में हमास की जीत से पहले इस्माइल हानियेह आतंकवादी समूह के नेतृत्व का प्रमुख सदस्य नहीं था, लेकिन चुनावी जीत के बाद उसका सितारा बुलंद होने लगा. उसे गाजा-पट्टी में फिलिस्तीनी प्राधिकरण का प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया और उसकी संपत्ति तेजी से बढ़ी. इस्माइल हानियेह को छोटी उम्र से ही हमास आंदोलन के संस्थापक शेख अहमद यासीन द्वारा तैयार किया गया था, जिसकी अंततः 2004 में इज़राइल द्वारा हत्या कर दी गई थी. हालांकि, उसने तेज-तर्रार सूट पहने हुए आतंकवादी से परे अपनी छवि गढ़ने की कोशिश की है.

16 हजार करोड़ की नेटवर्थ

बताया जाता है कि हमास के चीफ इस्माइल हानियेह की कुल नेटवर्थ करीब 16 हजार करोड़ की है और दोहा में यह आलीशान जिंदगी जीता है. इसके पास यहां पर करोड़ों रुपए की 25 लग्जरी गाड़ियां हैं. अपना खुद का एक फाइव स्टार पेंटहाउस है. कहा जाता है कि उसका घर भी किसी फाइव स्टार होटल से ज्यादा ही सुख-सुविधाओं से लैस है. इसके साथ ही यह कहीं पर भी जाने के लिए प्राइवेट जेट का प्रयोग करता है.

कैसे कमाया पैसा?

बताया जाता है कि उसने गाजा की अर्थव्यवस्था पर नियंत्रण करने के साथ-साथ मिस्र से यहां पर आने वाली आयातित वस्तुओं मोटा टैक्स लगाकरण खूब पैसा कमाया. टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, हमास के नेता इस्माइल हानियेह की संपत्ति लगभग 4 बिलियन डॉलर आंकी गई है, जबकि गाजा में कई लोग प्रति दिन 1 डॉलर पर संघर्ष करते हैं. वहीं अनुमान है कि तेहरान गाजा के शासकों को प्रति वर्ष 100 मिलियन डॉलर प्रदान करता है. इजराइली समाचार वेबसाइट की 2014 की एक रिपोर्ट के अनुसार, हनियेह सहित हमास के वरिष्ठ लोग सुरंगों से गुजरने वाले सभी व्यापार पर 20 प्रतिशत टैक्स लगाते थे. सऊदी साप्ताहिक अल-मजल्ला की एक रिपोर्ट के अनुसार, एक वरिष्ठ अधिकारी ने आरोप लगाया कि सुरंग-तस्करी बाजार ने हमास के 1,700 वरिष्ठ अधिकारियों को करोड़पति में बदल दिया. 2010 में इस्माइल हानियेह जहां वह बड़ा हुआ था, वहां शरणार्थी शिविर के पास गज़ान समुद्र तट पर जमीन खरीदी और इसके लिए उसने 4 मिलियन डॉलर खर्च किए. इस्माइल हानियेह ने इसे अपने दामाद के नाम से खरीदा था.

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कई विला-इमारते और 13 बच्चे

हनियेह ने गाजा पट्टी में कई अपार्टमेंट, विला और इमारतें खरीदी हैं, जो उसके 13 बच्चों में से कुछ के नाम पंजीकृत हैं. उसकी भव्य संपत्ति गाजा पट्टी में स्थानिक गरीबी के बिल्कुल विपरीत है, जहां लगभग आधी आबादी बेरोजगार है 30 दिसंबर, 2022 को एक सऊदी समाचार वेबसाइट ने एक फ़िलिस्तीनी स्रोत का हवाला देते हुए कहा कि हनियेह के बेटे माज़ (जिन्हें गाजा में अबू अल-इकरात या रियल एस्टेट का बाप) के रूप में जाना जाता है, उसने एक तुर्की पासपोर्ट प्राप्त कर लिया है. इस पासपोर्ट की बदौलत उसे गाजा से आसानी से बाहर निकलने, विदेश यात्रा करने और तुर्की में संपत्तियों में निवेश करने की अनुमति मिल गई.

लेख में आगे दावा किया गया है कि माज़ और हनियेह परिवार के अन्य बेटे विदेश में शराब पीते हैं और लग्जरी नाइट क्लबों में महिलाओं के साथ समय बिताते हैं. जुलाई 2022 में फ़िलिस्तीनी सोशल मीडिया पर एक दस्तावेज़ साझा किया गया था, जिसमें उन यात्रियों की आधिकारिक सूची दिखाई गई थी जिनको राफ़ा क्रॉसिंग के माध्यम से गाजा छोड़ने की अनुमति दी गई थी. इन नामों में हानियेह का बेटा हाज़ेम, उसकी पत्नी और दो बच्चे भी शामिल थे, जो तुर्की में हानियेह परिवार के अन्य सदस्यों के रहने के लिए गाजा छोड़ गए थे.

गाजा पट्टी के शरणार्थी शिविर में हुआ पैदा

इस्माइल हानियेह का जन्म 1962 में गाजा पट्टी के अल-शती शरणार्थी शिविर में हुआ था. उसने गाजा इस्लामिक विश्वविद्यालय में अरबी साहित्य का अध्ययन किया और फिर वह हमास से जुड़ गया. वह 2006 में हमास के चुनाव जीतने के बाद संगठन का नेता बना, जब हमास ने फिलिस्तीनी विधानसभा चुनावों में बहुमत सीटें जीती थीं. हानियेह का प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल छोटा रहा. 2007 में हमास और फतह के बीच झगड़ा शुरू हो गया, जिसके बाद हमास ने गाजा पट्टी पर नियंत्रण कर लिया और फतह ने पश्चिमी तट पर नियंत्रण बनाए रखा. हानियेह गाजा पट्टी के वास्तविक नेता के रूप में पद पर बना रहा, लेकिन उसकी सरकार को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा मान्यता नहीं दी गई. हाल के वर्षों में हानियेह ने हमास के प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है ताकि यह अन्य अरब देशों और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ अपने संबंधों को बेहतर बना. एक फिलिस्तीनी सरकार की स्थापना के लिए वह हमास और फतह के बीच सुलह के प्रयासों में भी शामिल रहा है. फ़िलिस्तीनियों के सर्वेक्षण से पता चलता है कि वह फ़िलिस्तीनी प्राधिकरण के प्रमुख के रूप में उम्रदराज़ राष्ट्रपति महमूद अब्बास की जगह लेने के लिए प्रबल पसंदीदा हैं. पिछले महीने फ़िलिस्तीन सेंटर फ़ॉर पॉलिसी एंड रिसर्च सर्वेक्षण से पता चलता है कि यदि नए चुनाव हुए तो हनियाह को 58 प्रतिशत वोट मिलेंगे और अब्बास को केवल 37 प्रतिशत वोट मिलेंगे.

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