Reservation 65% : नीतीश का प्रस्ताव कैबिनेट से पास, आरक्षण 65% करने को 9 नवंबर को आएगा बिल

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बिहार विधान मंडल में शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन यानी मंगलवार को सीएम नीतीश कुमार ने दोनों सदन में आरक्षण का दायरा बढ़ाकर 65 फीसदी रखने का प्रस्ताव रखा था। देर शाम कैबिनेट की अहम बैठक भी हुई। इसमें सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बिहार आरक्षण बिल 2023 पर मुहर लगा दी है। कैबिनेट से पास बिल के बाद पिछड़ा वर्ग को 18 फीसदी, अति पिछड़ा वर्ग को 25 फीसदी, अनुसूचित जाति को 20 फीसदी, अनुसूचित जनजाति को 2 फीसदी का आरक्षण मिलेगा। 9 नवंबर को सदन के पटल पर इसे पारित कराया जाएगा।

बिहार में किस वर्ग को कितना आरक्षण है

  • पिछड़ा वर्ग और अति पिछड़ा को 27% आरक्षण
  • अनुसूचित जाति और अनसूचित जनजाति को 17% आरक्षण
  • सामान्य वर्ग को 10% आरक्षण

सीएम नीतीश ने विधानसभा में रखा यह प्रस्ताव

  • अनुसूचित जाति को दिए गए 16 प्रतिशत आरक्षण को बढ़ाकर 20 प्रतिशत का प्रस्ताव
  • अनुसूचित जनजाति को को दिए गए एक प्रतिशत आरक्षण को बढ़ाकर अब दो प्रतिशत करने का प्रस्ताव
  • पिछड़ा वर्ग को 12 प्रतिशत और अति पिछड़ा का दिए गए 18 फीसदी आरक्षण को बढ़ाकर 43 फीसदी करने का प्रस्ताव

सरकारी नौकरियों में अनारक्षित वर्ग के लिए मात्र 25 प्रतिशत सीटें बचेंगी
बिहार की सरकारी नौकरियों में अनारक्षित वर्ग के लिए मात्र 25 प्रतिशत सीटें बचेंगी। सरकारी नौकरियों के बाद सरकार बाकी चीजों में भी यह आरक्षण रोस्टर लागू करेगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को कहा कि जाति गणना की रिपोर्ट के आधार पर बिहार सरकार निर्णय लेगी। अनुसूचित जाति और जनजातियों की संख्या में वृद्धि के कारण इन्हें मिलने वाले आरक्षण को बढ़ाना पड़ेगा। सरकारी सेवाओं में इनके आरक्षण के अनुपात को तो बढ़ाना ही होगा। पिछड़े वर्ग और अतिपिछड़े के लिए भी आरक्षण बढ़ना चाहिए। मेरा यह कहना है कि जो 50 प्रतिशत आरक्षण है, उसे हम 65 प्रतिशत कर दें। पहले से अगड़ी जातियों को 10 प्रतिशत है तो इस 65 प्रतिशत के बाद कुल आरक्षण 75 प्रतिशत हो जाएगा। तब अनारक्षित 25 प्रतिशत बचेगा। 

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