‘मैं मलाला नहीं कि देश छोड़ना पड़े’

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ब्रिटेन की संसद में कश्मीर की पत्रकार याना मीर ने पाकिस्तान को जमकर धोया, जम्मू-कश्मीर में खुद को सुरक्षित महसूस होने पर याना को फक्र

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की पत्रकार याना मीर ने ब्रिटिश संसद भवन में एक कार्यक्रम के दौरान उपस्थित लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया जब उन्होंने कहा कि वह मलाला यूसुफजई नहीं हैं, जिन्हें पाकिस्तान छोड़ना पड़ा। पाकिस्तान को खरी-खरी सुनाते हुए उन्होंने कहा कि वह जम्मू-कश्मीर में खुद को सुरक्षित महसूस करती हैं। ब्रिटेन की संसद में पाकिस्तान पर भड़कीं याना मीर, विदेशी मीडिया को भी कश्मीर पर प्रोपोगेंडा फैलाने पर सुनाई, याना मीर बोलीं, मैं मलाला यूसुफजई नहीं कि देश छोड़ना पड़े,

Yana Mir

श्रीनगर: कश्मीरी कार्यकर्ता और पत्रकार याना मीर ने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत की छवि को धूमिल करने के लिए पाकिस्तान पर आरोप लगाया। याना मीर ने कहा कि पाकिस्तान गलत प्रचार कर रहा है। उन्होंने कड़ी निंदा करते हुए कहा कि कश्मीर, जो भारत का एक हिस्सा है उसमें वह पूरी तरह से सुरक्षित और स्वतंत्र हैं। उन्होंने मलाला यूसुफजई का जिक्र करते हुए कहा कि वह मलाला नहीं हैं, जिन्हें आतंकवाद से डरकर अपना देश (पाकिस्तान) छोड़ना पड़ा। वह भारत में स्वतंत्र और सुरक्षित हैं। उनके इस बयान पर खूब तालियां बजीं। याना मीर लंदन में ब्रिटेन की संसद की ओर से आयोजित ‘संकल्प दिवस’ में बोल रही थीं। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय मीडिया समुदाय से जम्मू-कश्मीर के लोगों को विभाजित करना बंद करने का आग्रह किया।

” ‘मैं मलाला यूसुफजई नहीं हूं”

याना मीर ने कहा, ‘मैं मलाला यूसुफजई नहीं हूं, क्योंकि मैं अपने देश, भारत में स्वतंत्र और सुरक्षित हूं। मेरी मातृभूमि में, कश्मीर, जो भारत का हिस्सा है। मुझे कभी भी भागकर आपके देश में शरण लेने की आवश्यकता नहीं होगी। मैं कभी भी मलाला यूसुफजई नहीं बनूंगी, लेकिन मुझे मेरे देश, मेरी प्रगतिशील मातृभूमि को उत्पीड़ित कहकर बदनाम करने के लिए मलाला पर आपत्ति है। मैं सोशल मीडिया और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया के ऐसे सभी टूलकिट सदस्यों पर आपत्ति करता हूं, जिन्होंने कभी भी भारतीय कश्मीर आने की जहमत नहीं उठाई, लेकिन वहां से उत्पीड़न की कहानियां गढ़ते हैं।’

कश्मीर की पत्रकार याना मीर, जिन्होंने मलाला का जिक्र कर ब्रिटेन की संसद में पाकिस्तान को जमकर धोया

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याना मीर एक सामाजिक कार्यकर्ता

वह पहली महिला कश्मीरी यूट्यूब व्लॉगर हैं, जो राजनीति पर रिपोर्ट करती हैं। याना मीर एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार हैं जो श्रीनगर में रहती हैं। याना मीर का जन्म 12 अप्रैल को कश्मीर के अनंतनाग में हुआ था। उनके दादा जम्मू-कश्मीर पुलिस में हुआ करते थे।

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याना की शुरुआती पढ़ाई कश्मीर में ही हुई। उसके बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी और मुंबई से पढ़ाई की।
याना मीर कश्मीर की घाटी के युवा और महिला सशक्तिकरण संगठन, ऑल जेके यूथ सोसाइटी की उपाध्यक्ष भी हैं। उन्होंने
कश्मीर का पहला फैशन शो आयोजित किया था, जो स्थानीय कलाकारों को प्रमोट करने के लिए था।
याना मीर दूरदराज के गांवों में पर्सनल हाइजीन पर काम करती हैं। वह ग्रामीण महिलाओं को फ्री सैनिटरी पैड भी बांटती हैं। वह अकसर विभिन्न टीवी चैनलों और न्यूज डिबेट में विस्थापित कश्मीर पंडित समुदाय के अधिकारों के लिए आवाज उठाती हैं। याना मीर के चाचा गांव के सरपंच हुआ करते थे, जिनकी आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
एक पत्रकार के रूप में अपना करियर बनाने से पहले उन्होंने कुछ समय एक विदेशी एयरलाइंस में एयर होस्टेस का काम भी किया।

याना ने कहा, ‘मैं आपसे आग्रह करता हूं कि धर्म के आधार पर भारतीयों का ध्रुवीकरण बंद करें। हम आपको हमें तोड़ने नहीं देंगे। इस साल संकल्प दिवस पर, मुझे बस यही उम्मीद है कि ब्रिटेन और पाकिस्तान में रहने वाले हमारे अपराधी अंतरराष्ट्रीय मीडिया या अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार मंचों पर मेरे देश को बदनाम करना बंद कर देंगे। अवांछित चयनात्मक आक्रोश बंद करें, अपने ब्रिटेन के रहने वाले कमरों से रिपोर्ट करके भारतीय समाज का ध्रुवीकरण करने की कोशिश करना बंद करें। आतंकवाद के कारण हजारों कश्मीरी माताएं पहले ही अपने बेटों को खो चुकी हैं। हमारे पीछे आना बंद करें और मेरे कश्मीरी समुदाय को शांति से रहने दें। धन्यवाद और जय हिंद।’

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