UP News : सपा MLA इरफान सोलंकी को 7 साल की सजा, विधायकी गई

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Kanpur News : सपा विधायक इरफान सोलंकी को सात साल की सजा...

कानपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने सपा विधायक इरफान सोलंकी को सात साल की सजा सुनाई है. इरफान के भाई रिजवान को भी 7 साल की सजा सुनाई गई है. साथ ही 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. सजा के ऐलान के बाद सपा विधायक की विधायकी जाना तय है.

सपा विधायक इरफान सोलंकी को कानपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने सात साल की सजा सुनाई है. साथ ही 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. महाराजगंज जेल में बंद इरफान सोलंकी की वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पेशी हुई. इरफान के भाई रिजवान को भी 7 साल की सजा सुनाई गई है. कोर्ट ने जाजमऊ आगजनी केस में सपा विधायक इरफान सोलंकी समेत 5 आरोपियों को तीन जून को दोषी करार दिया था. विधायक इरफान उनके भाई रिजवान सोलंकी, शौकत पहलवान, इसराइल आटे वाला और मोहम्मद शरीफ को एमपीएमएल कोर्ट ने दोषी करार दिया था. नजीर फातिमा की ओर से 8 नवंबर 2022 को जाजमऊ थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था. विधायक समेत कुल 12 लोग अभियुक्त बनाए गए थे. महिला ने सभी पर अपना घर जलाने का आरोप लगाया था.

इरफान सोलंकी पर को 7 साल की सजा सुनाई गई है, ऐसे में उनकी विधायकी जाना तय है, बस औपचारिक ऐलान होना बाकी है. अब इरफान 6 साल तक चुनाव भी नहीं लड़ सकेंगे. आजम खान और उनके बेटे की तरह इरफान सोलंकी की भी विधानसभा सदस्यता रद्द होना तय है. ऐसे में कानपुर की सीसामऊ विधानसभा में उपचुनाव होने की भी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.
इरफान सोलंकी पर कुल 19 मुकदमे दर्ज हैं. 7 नवंबर 2022 को इरफान समेत अन्य 12 लोगों पर एफआईआर दर्ज हुई थी. इस केस ने सपा विधायक को पूरी तरह तबाह कर दिया है. गैंगस्टर की कार्रवाई के बाद विधायक और उनके गैंग की करीब 30 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की जा चुकी है. हाल ही में ईडी ने छापेमारी की थी. अखिलेश यादव भी उनसे मुलाकात करने कानपुर जेल गए थे. बाद में इरफान को महाराजगंज जेल शिफ्ट कर दिया गया.
इरफान सोलंकी राजस्थान का जन्म अजमेर में 5 जून 1979 को हुआ. हाजी मुश्ताक सोलंकी के घर जन्मे इरफान को राजनीति विरासत में पिता से मिली. उनके पिता मुश्ताक सोलंकी मुलायम सिंह यादव के काफी करीबी थे. सोलंकी पिछले 17 साल से विधायक है. पहली बार 2007 में उन्होंने कानपुर जिले में आर्यनगर सीट से विधानसभा में किस्मत आजमाई थी और विधायक बन गए. 2012 में और 2017 की मोदी लहर के बावजूद सोलंकी को जीत नसीब हुई. यहां तक कि 2023 में भी सोलंकी को सीसामऊ सीट से जीत मिली.

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