69000 UP शिक्षक भर्ती: HC का आदेश बना BJP के लिए गले की हड्डी, छुट्टी के दिन खुला शिक्षा निदेशालय, सीएम की आपात बैठक

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शिक्षक भर्ती पर कोर्ट का आदेश आने के बाद योगी सरकार सक्रिय हो गई है। रविवार को सीएम योगी इस मसले पर उच्च स्तरीय बैठक करने जा रहे हैं।

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ द्वारा 69000 शिक्षक भर्ती में चयनित अभ्यर्थियों की चयन सूची नए सिरे से बनाने के आदेश के बाद बेसिक शिक्षा विभाग में हलचल तेज हो गई है। एक तरफ जहां छुट्टी के दिन शनिवार को बेसिक शिक्षा निदेशालय खोलकर महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने अधिकारियों के साथ बैठक की। वहीं रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद इस मामले में बेसिक शिक्षा विभाग व शासन के प्रमुख अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। सरकार इस मामले में महाधिवक्ता से भी राय लेगी और उसके बाद ही इस मामले में आगे बढ़ेगी। हाईकोर्ट के आदेश के बाद बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी इसका रास्ता निकालने की तैयारी में जुट गए हैं। महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने शनिवार को बेसिक शिक्षा निदेशक, सचिव बेसिक शिक्षा परिषद आदि विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर इसके सभी पक्षों की जानकारी ली। इस बैठक में एक तरफ जहां इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के बारे में चर्चा हुई।

वहीं नई सूची तैयार करने पर भी चर्चा की गई। नई सूची बनने से कितने पहले से नौकरी कर रहे युवा प्रभावित होंगे, यह भी देखा जा रहा है। साथ ही इस मामले में अब तक हुई कार्यवाही का ब्योरा भी जुटाया गया। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री के साथ रविवार को होने वाली बैठक में इसके सभी पक्षों पर चर्चा होगी। इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से प्रेजेंटेशन भी तैयार किया जा रहा है। इसे सीएम के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। इसमें आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को राहत देने के साथ-साथ अन्य विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा है। क्योंकि अगर पहले से नौकरी कर रहे कुछ युवा प्रभावित होते हैं तो उनके लिए भी सरकार कोई न कोई रास्ता बनाएगी। क्योंकि बेसिक शिक्षा विभाग ने कल ही बयान जारी कर कहा था कि किसी भी युवा के भविष्य के साथ अन्याय नहीं होगा। ऐसे में यह माना जा रहा है कि सरकार पहले से नौकरी कर रहे युवाओं के लिए भी कोई न कोई रास्ता निकालेगी।
 इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश आने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने तेजी से इस पर मंथन शुरू किया है। प्रथम दृष्टया यह माना जा रहा है कि अगर विभाग दोबारा सूची बनाता है तो 5000 से 6000 नौकरी कर रहे युवा इससे प्रभावित होंगे। क्योंकि इस मामले में सिंगल बेंच में सरकार की ओर से जनवरी 2022 में आरक्षित वर्ग के 6800 प्रभावित अभ्यर्थियों की सूची दी गई थी। हालांकि बाद में इसे सिंगल बेंच ने इसे भी निरस्त कर दिया था और नई सूची बनाने को कहा था। भाकपा (माले) ने कहा है कि 69000 शिक्षक भर्ती मामले में पूरी सूची फिर से जारी करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले से प्रदेश सरकार का आरक्षण घोटाला साबित हुआ है। यह उचित प्रतिनिधित्व से वंचित अभ्यर्थियों के पिछले चार साल से जारी संघर्षों की जीत है।

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