सुप्रीम कोर्ट में नए संसद भवन का मामला

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– राष्ट्रपति से उद्घाटन कराने की मांग

नई दिल्ली। नए संसद भवन के उद्घाटन का मामला प्रतिदिन मौसम की तरह गर्माता जा रहा है। अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच चुका है।  सर्वोच्च न्यायालय में गुरुवार को एक जनहित याचिका दायर कर संसद  भवन  का  उद्घाटन राष्ट्रपति से करवाने की मांग की गई है। गौरतलब है कि कई विपक्षी दल पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा संसद भवन के उद्घाटन का विरोध करते हुए कार्यक्रम के बहिष्कार की बात कह चुके हैं। याचिका में कहा गया है कि राष्ट्रपति को उद्घाटन समारोह से बाहर करके, सरकार ने भारतीय संविधान का उल्लंघन किया है। संविधान का सम्मान नहीं किया जा रहा है। इसमें मांग की गई है कि संसद के नए भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्वारा किया जाना चाहिए। 

दरअसल तय कार्यक्रम के अनुसार 28 मई को दोपहर 12 बजे पीएम मोदी नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे। इस पर कांग्रेस नेताओं और कई अन्य विपक्षी नेताओं का मानना है कि पीएम की बजाय राष्ट्रपति को उद्घाटन करना चाहिए। कांग्रेस का कहना है कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति के हाथों ही होना चाहिए। मुर्मू द्वारा नए संसद भवन का उद्घाटन लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक मर्यादा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक होगा। इस बीच सूत्रों ने मंगलवार को कहा था कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ उद्घाटन के अवसर पर बधाई संदेश जारी कर सकते हैं।इसी को लेकर लगातार सियासी बवाल मचा हुआ है। 28 मई को होने वाले समारोह का जहां कई राजनीतिक दलों ने बहिष्कार किया है। वहीं, कइयों ने शामिल होने की पुष्टि की है। समारोह में शामिल होने वाले राजनीतिक दल तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी), शिरोमणि अकाली दल, बीजू जनता दल (बीजेडी) और युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) है। इन पार्टियों ने बुधवार को एलान किया था कि वह उद्घाटन के समय उपस्थित रहेंगे। जबकि राजद, जदयू, एनसीपी, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके), एआईएमआईए, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, भाकपा समाजवादी पार्टी पहले ही दिल्ली में नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने का ऐलान कर चुकी है।

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