ओडिशा के बालासोर में हुए रेल हादसे में सैकड़ों यात्रियों की मौत हुई है। मृतकों के परिजनों को 17-17 लाख के मुआवजे का ऐलान किया जा चुका है। इस बीच रेल मंत्री ने कहा है कि डाउन मेल लाइन फिट हो गई है, वहीं बुधवार सुबह तक ट्रैक पर ट्रेनों की सामान्य आवाजाही की उम्मीद है।
बालासोर के पास तीन ट्रेनों की शुक्रवार को हुई थी टक्कर
एक मां ने ट्रेन की खिड़की से फेंककर तीन बच्चों को बचाया
बालासोर: ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे में 290 से ज्यादा लोगों ने जान गंवाई है। तीन ट्रेनों की टक्कर में महज कुछ सेकेंड के अंदर भयावह मंजर हो गया। यात्रा कर रही एक महिला ने जिस सूझबूझ से अपने तीन बच्चों की जान बचाई है, उसकी भी काफी चर्चा हो रही है। बुद्धि और विवेक का तत्काल इस्तेमाल करते हुए मां अपने बच्चों और मौत के बीच एक कवच की तरह आ गई। ट्रेनों की टक्कर के बाद कई बोगियां बुरी तरह तहस-नहस हो गई थीं। इसी दौरान एक क्षतिग्रस्त बोगी का हिस्सा उनके ऊपर गिरने वाला था। तभी मां का प्रजेंस ऑफ माइंड काम आया और चमत्कार हो गया।
मुझे लगा कि नहीं बचूंगी…
जब ट्रेनों की टक्कर हुई तो बहरी कर देने वाली आवाज और धुएं ने पूरी बोगी को आगोश में ले लिया। इन सबके बीच 45 साल की सीता दास ने हालात को भांपने में जरा भी देर नहीं लगाई। सीता ने अपनी दो बेटियों और एक बेटे को खिड़की से बाहर फेंक दिया। रेलवे ट्रैक से दोनों ओर खेत थे और सीता के दिमाग में आया कि बच्चों को बचाने के लिए यही सुरक्षित जगह है। बिहार की सीता कहती हैं, ‘पहले कुछ मिनट के लिए मुझे लगा कि अगर मैं नहीं बचूंगी तो लोग मेरे बच्चों की जान बचा लेंगे। मैं उस जगह से ज्यादा दूर नहीं थी, जहां पर मेरे पति फंसे हुए थे।’
हादसे के बाद दंपती और तीनों बच्चे सुरक्षित
इस हादसे में सीता और उनके पति को मामूली चोटें आईं। इस हादसे के बाद दंपती और उनके बच्चों की जान बचना किसी चमत्कार से कम नहीं है। परिवार चेन्नै जा रहा था। यहां पर सीता दास के पति नंदू दास एक प्लंबर का काम करते हैं। शुक्रवार शाम को ओडिशा में बालासोर के पास भीषण रेल हादसा हुआ था। कोरोमंडल, शालीमार और एक मालगाड़ी की टक्कर में अब तक 290 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।