सौराष्ट्र में 100 से ज्यादा शेरों के लिए सुरक्षा घेरा तैयार
गुजरात. चक्रवात बिपारजॉय अब गुजरात में भी दस्तक देने जा रहा है। तूफान से पहले तेज बारिश और हवाएं चल रही हैं। राहत बचाव दल मौके पर मौजूद है। तूफान की रफ्तार को देखते हुए राज्य का वन विभाग भी सक्रिय है। सौराष्ट्र क्षेत्र में एशियाई शेरों
की सुरक्षा को लेकर खास इंतजाम किए जा रहे हैं। जहां चक्रवात के ज्यादा नुकसान की आशंका है, वहां शेरों के चारों तरफ सुरक्षा जाल बिछाया जा रहा है।
खबरों के मुताबिक, वन विभाग ने सौराष्ट्र और उसके आसपास के क्षेत्र में 100 से ज्यादा शेरों को हाई सिक्योरिटी जोन में रखा है। बड़ी संख्या में मौजूद इन शेरों को सुरक्षित इलाके में ले जाने के लिए वन विभाग अलग-अलग तरह की रणनीति अपना रहा है। अधिकारियों के मुताबिक गिर सोमनाथ-भावनगर इलाके और तट के करीब रहने वाले करीब 30 शेरों को इस इलाके से दूर कर दिया गया है।
शेरों के लिए छोड़े जा रहे शिकार
जंगल में राज करने वाली इन बड़ी बिल्लियों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए वन अधिकारी बीट गार्ड्स के साथ मिलकर अभियान चला रहे हैं। इसके लिए शेरों को लालच दिया जा रहा है। ऊंचाई वाले इलाकों में इन जंगली बिल्लियों के लिए शिकार छोड़े जा रहे हैं, जिससे वो कुछ दिन तक वहीं रहें। चक्रवात संभावित इलाकों की लगातार निगरानी भी की जा रही है। खाकी वर्दी में तैनात गार्ड्स शेरों के साथ दोस्ताना रिश्ता रखते हैं, ऐसे में उनकी मदद से ये काम काफी आसान हो गया है। सभी तीन तरफ से शेरों को घेरते हैं और उसके बाद उन्हें एक दिशा में आगे बढ़ाते हैं।
बड़े शेर के साथ पहुंच जाता है झुंड
सुरक्षा गार्ड्स के मुताबिक ऐसे में एक रणनीति ये भी होती है कि शेर को पहाड़ी तक लेकर जाएं, ऐसा करने पर पूरा झुंड कुछ ही देर बाद उसके पास पहुंच जाता है। ये उन शावकों के लिए काफी ज्यादा कारगर होता है जिनकी उम्र कम होती है। इसके बाद इलाके में शिकार को रखकर करीब दो दिन के लिए शेरों को उसी में व्यस्त रखा जाता है। बिपरजॉय के खतरे के टलने तक शेरों को पहाड़ी वाले इलाके में ही रखा जाएगा।