भारतीय करोड़पतियों को भा रहा परदेश

Spread the love

इस साल 6500 करोड़पति भारत छोड़ करेंगे विदेश का रुख!

भारत देश में रह रहे बहुत अमीर लोगों से जुड़ी एक हैरान वाली रिपोर्ट सामने आई है। जिसमें कहा गया है कि ऐसे लोगों के भारत छोड़ने की उम्मीद है। हाल ही में अंतरराष्ट्रीय निवास और नागरिकता सलाहकार फर्म हेनले एंड पार्टनर्स की रिपोर्ट आई है। जिसके मुताबिक, चीन के बाद भारत दूसरे नंबर पर है, जहां रहने वाले लोगों की संपत्ति 10 लाख डॉलर यानी 8.2 करोड़ रुपये है।

पिछले साल 2022 में इन अमीर लोगों में से 7,500 करोड़पतियों ने भारत को छोड़ दिया था। सोचने वाली बात है कि इतने सारे अमीर विदेश क्यों जा रहे हैं? और वे कहां जा रहे हैं?
प्राइवेट वेल्थ एंड फैमिली ऑफिस की पार्टनर सुनीता सिंह-दलाल के हवाले से लिखा गया है कि भारत के टैक्स कानून, बाहर पैसा भेजने के सख्त नियम और अन्य कारणों की वजह से लोग देश छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं।

कंपनी के निजी ग्राहकों के समूह प्रमुख डोमिनिक वोलेक ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और यहां तक कि क्रिप्टो पर सरकार की तरफ से बनाए गए नियमों के अलावा और भी कई दूसरी वजहें हो सकती हैं।

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, विशेषज्ञों का कहना है कि भारत को छोड़कर जाने वाले ज्यादातर भारतीय करोड़पति दुबई या फिर सिंगापुर जैसे देशों में जाकर बस सकते हैं।

खबरों के अनुसार दुबई का ‘गोल्डन वीजा प्रोग्राम’, इसके कर कानून और व्यापार प्रणाली भारत के अमीरों के बीच बारहमासी पसंदीदा हैं। वहीं फोर्ब्स की रिपोर्ट की मानें तो पुर्तगाल हाल तक भारतीय अमीरों के लिए लोकप्रिय स्थान था।
ता दें कि कोरोना काल से पहले तक अमरीका करोड़पतियों की पहली पसंद था।

फोर्ब्स ने रिपोर्ट में बताया कि सिंगापुर, स्विट्जरलैंड और यूएई ने न केवल रहने के लिए बल्कि धन के संरक्षण के लिए भी अपनी प्रतिष्ठा बनाई है। इन देशों ने खुद को अत्यधिक आकर्षक व्यापार केंद्रों के रूप में भी स्थापित किया है। इन देशों में कंपनियां अनुकूल कॉर्पोरेट टैक्स दरों का फायदा उठाती हैं।

भारत में कुल इतने एचएनआई बचे

न्यू वर्ल्ड वेल्थ के रिसर्च हेड एंड्रयू एमोइल्स ने बताया कि ‘ये पलायन विशेष रूप से चिंताजनक नहीं हैं, क्योंकि भारत प्रवासन की तुलना में कहीं अधिक नए करोड़पति पैदा करता है।’

वहीं हेनले एंड पार्टनर्स इंडिया के निदेशक (निजी ग्राहक) रोहित भारद्वाज ने बताया कि भारत में करीब 3,57,000 एचएनआई बचे हैं। उन्होंने कहा कि भारत एक ‘मजबूत धन उपस्थिति’ दिखाता है।

2015 के बाद से देश छोड़ रहे भारतीय

दिसंबर 2021 में गृह मंत्रालय (एमएचए) के आंकड़ों को लोकसभा में पेश किया गया था। जिसके मुताबिक, 2015 के बाद से 8,81,254 भारतीयों ने किसी न किसी कारण से देश को छोड़ दिया।

इन आंकड़ों को देखा जाए तो पिछले सालों से रोजाना 345 लोग देश छोड़कर जा रहे हैं। हालांकि इन्हीं प्रवासियों में एचएनआई भी शामिल हैं, जो कई कारणों से वर्षों से भारतीय नागरिकता का त्याग कर रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *