अब भी Active है चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर
चंद्रयान-2 मिशन 2019 में भेजा गया था। इस अंतरिक्षयान में आर्बिटर, लैंडर और रोवर शामिल था। लैंडर के अंदर एक रोवर था। लैंडर चंद्रमा की सतह पर क्रैश हो गया था। इस कारण यह मिशन के ‘सॉफ्ट लैंडिंग’के लक्ष्य को हासिल करने में नाकाम रहा था। हालांकि चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर आज भी चांद पर नजर रखे हुए है। अब 2019 में भेजे गए चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर काम आया। इसी ने चंद्रयान-3 से भेजे गए विक्रम लैंडर की तस्वीरें भेजी है।
चांद पर उतरे विक्रम लैंडर की पहली फुल पिक्चर सामने आई है। ‘अंगद’ की तरह पांव जमाए चांद की सतह पर अपना विक्रम खड़ा दिख रहा है। आसपास अनगिनत विशालकाय गड्ढे हैं लेकिन भारत का यान बिल्कुल सपाट जगह उतरा है। सॉफ्ट लैंडिंग में इसकी बड़ी भूमिका रही। चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने लैंडर की तस्वीर भेजी है। 2019 में भेजा गया चंद्रयान-2 मिशन भले ही पूरी तरह सफल नहीं हो पाया लेकिन उसका ऑर्बिटर अब भी एक्टिव है।
विक्रम लैंडर की तस्वीर भेजी है
उसी ऑर्बिटर ने भारतीयों के लिए अपने विक्रम लैंडर की तस्वीर भेजी है। चांद की सतह पर अपना विक्रम पांव जमाए खड़ा दिख रहा है। इसरो ने ट्वीट कर बताया कि चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने चंद्रयान-3 के लैंडर की यह तस्वीर ली है। चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर में हाई-रिजॉलूशन कैमरा लगा है। इसरो ने बताया कि 23 अगस्त 2023 को विक्रम की चांद पर लैंडिंग के ठीक बाद ऑर्बिटर ने यह तस्वीर ली।
तस्वीर में साफ दिखाई देता है कि चांद की सतह के आसपास काफी बड़े गड्ढे हैं लेकिन अपना विक्रम प्लेन जगह पर उतरा है। ऑर्बिटर ने 23 अगस्त की रात 10.17 मिनट पर यह तस्वीर ली थी। जैसे ही इसरो ने तस्वीर शेयर की, भारतीयों का जोश फिर से हाई हो गया।
विक्रम लैंडर जब चांद के करीब था तो उसके और चंद्रयान-2 के ‘आर्बिटर के बीच संपर्क स्थापित हुआ था। इसे आप सरल शब्दों में बातचीत कह सकते हैं। तब इसरो ने लैंडिंग से पहले हुए इस संपर्क के बारे में ट्विटर (एक्स) पर कहा, ‘स्वागत है दोस्त! चंद्रयान-2 आर्बिटर ने औपचारिक रूप से चंद्रयान-3 लैंडर मॉड्यूल का स्वागत किया। दोनों के बीच दोतरफा संचार स्थापित हो गया है।’