स्विट्जरलैंड में चेहरा ढंकने वाली, बुर्के जैसी पोशाक पर प्रतिबंध लगना तय है. संसद में आखिरी वोटिंग में ऐसे प्रतिबंध के पक्ष में वोट पड़े. नियम तोड़ने पर 1,000 स्विस फ्रांक (करीब 92,000 रुपये) तक का जुर्माना लगेगा.
स्विस ससंद के निचले सदन ने बुधवार को चेहरा ढंकने वाली पोशाक पर प्रतिबंध को मंजूरी दे दी. नेशनल काउंसिल में बिल के पक्ष में 151 वोट पड़े और विरोध में 29. स्विस संसद का ऊपरी सदन पहले ही इस बिल को मंजूरी दे चुका है. इसके तहत सार्वजनिक स्थानों और पब्लिक एक्सेस वाली निजी इमारतों में ऐसी पोशाक जिसमें, “चेहरे के फीचर्स पहचाने ना जा सकें” प्रतिबंधित है.
बुर्के जैसी पोशाक पर कानूनी बैन लगाने की मांग करने वाला यह बिल दक्षिणपंथी पॉपुलिस्ट, स्विस पीपल्स पार्टी लेकर आई. मध्यमार्गी और पर्यावरण मुद्दों की बात करने वाली पार्टी का विरोध बिल को पास होने से नहीं रोक सका.
कानूनी रूप से प्रतिबंध
स्विटजरलैंड में दो साल पहले भी नकाब को बैन करने के लिए जनमत संग्रह हुआ था. देश भर में बहुत ही कम अंतर से लोगों ने नकाब पर प्रतिबंध लगाने के पक्ष में वोट दिया. प्रतिबंध के पक्ष में 51.2 फीसदी वोट पड़े और विरोध में 48.2 फीसदी. उन नतीजों के बाद कई लोगों ने स्की मास्क और बंडाना पहनकर इस फैसले का विरोध भी किया. 20 सितंबर 2023 को निचले सदन की मंजूरी के बाद अब चेहरा ढंकने वाली बुर्के जैसी पोशाक पर कानूनी रूप से प्रतिबंध का रास्ता साफ हो चुका है. कानून का उल्लंघन करने पर 1,000 स्विस फ्रांक यानि करीब 92,400 रुपये जितना जुर्माना हो सकता है.
बैन नाक और मुंह ढंकने या फिर दोनों को छुपाने वाली पोशाक पर है. हालांकि इसमें कुछ रियायतें दी गई हैं, जैसे धार्मिक और सांस्कृतिक रस्मो रिवाज और अभिनय संबंधी प्रदर्शन में यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा. मेडिकल व जलवायु संबंधी समस्याओं से जूझने वाले लोगों को भी राहत दी गई है. स्विटजरलैंड में बहुत ही कम महिलाएं बुर्का पहनती हैं. स्विट्जरलैंड के दो प्रांतों में पहले ही से इससे मिलते जुलते कानून हैं. संघीय कानून बनने के बाद अब यह कानून पूरे देश पर लागू होगा.
यूरोप के कई देशों में प्रतिबंध
यूरोप के कुछ देश ऐसे कदम पहले ही उठा चुके हैं. 2010 में फ्रांस सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का बैन करने वाला पहला यूरोपीय देश बना. उसी साल फ्रांस के पड़ोसी बेल्जियम ने भी पब्लिक स्पेस में बुर्के पर प्रतिबंध लगा दिया. 2016 में बुल्गारिया ने भी ऐसा प्रतिबंध लगाया. इसके बाद ऑस्ट्रिया ने 2017 में और डेनमार्क ने 2018 में बुर्के पर प्रतिबंध लगाया. 2021 में यूरोपीय कोर्ट ऑफ जस्टिस ने अपने एक फैसले में कहा कि जॉब के दौरान आम लोगों के संपर्क करने वाली महिलाओं को हिजाब उतारने से मना करने पर नौकरी से निकाला जा सकता है. हालांकि इसका फैसला करने का अधिकार काफी हद तक नौकरी देने वाले पर भी छोड़ा गया है.