उदयनिधि स्टालिन और सांसद ए राजा की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सनातन धर्म पर की गई टिप्पणी को लेकर एक नोटिस जारी किया है।
Sanatan Dharma Row: शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने सनातन धर्म पर विवादित बयान देने वाले तमिलनाडु सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन और सांसद ए राजा के को नोटिस जारी की है। शिर्ष अदालत ने अपनी नोटिस में कहा है कि वह इस मामले को हेट स्पीच पर लंबित दूसरी याचिकाओं के साथ सुनेगी।
सरकार मंत्री उधयनिधि स्टालिन ने कहा….
बता दें कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के बेटे और सरकार मंत्री उधयनिधि स्टालिन ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि सनातन धर्म को मच्छर, डेंगू, मलेरिया और कोरोना की तरह जड़ से समाप्त करना ही एकमात्र उपाय है।
घिनौना कहा
वहीं ए राजा ने सनातन धर्म विवाद पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि उदयनिधि ने जो भी बोला है, वो काफी कम है। उन्होंने सिर्फ मलेरिया और डेंगू कहा है, लेकिन ये ऐसी बीमारी नहीं हैं जिन्हें समाज में घिनौना कहा जाता है।अगर आपको सनातन को परिभाषित करना है तो आप एचआईवी को देखिए, समाज के लिए सनातन ऐसा ही काम करता है।
ए राजा ने HIV से की थी तुलना
उन्होंने आगे कहा था, “अगर प्रधानमंत्री बैठक बुलाएं और मुझे अनुमति दें तो मैं सभी कैबिनेट मंत्रियों को जवाब देने के लिए तैयार हूं। मैं समझाऊंगा कि ‘सनातन धर्म’ कौन सा है, उसके बाद आप निर्णय करें…”
ए राजा ने पीएम मोदी पर भी निशाना साधते हुए कहा था कि सनातन धर्म का पालन करना चाहिए और विदेशी दौरों पर नहीं जाना चाहिए। दिल्ली में एक करोड़ लोगों को बुलाएं, शंकराचार्य को भी बैठाएं और अपने सभी हथियारों को छोड़ दें।
महिलाएं पहले घर के अंदर ही सीमित
मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि महिलाएं पहले घर के अंदर ही सीमित थीं लेकिन वे बाहर आ गई हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं को शिक्षा नहीं मिल सकती है, केवल द्रविड़म (द्रमुक की विचारधारा) ने उन्हें शिक्षा दी है। यहां तक कि नाश्ता योजना (तमिलनाडु में) यह सुनिश्चित करने के लिए है कि अधिक बच्चे, विशेषकर लड़कियां, शिक्षा प्राप्त करें।