J&K में रहने वाली PAK दुल्हनों पर गिरेगी गाज… उच्च स्तरीय पैनल का गठन

Spread the love

जम्मू-कश्मीर सरकार ने गैर कानूनी रूप से रह रहे विदेशियों की पहचान के लिए एक पैनल का गठन किया है. यह पैनल कश्मीर घाटी में अवैध रूप से रह रहे विदेशियों पर नजर रखेगा और उनकी पहचान करेगा. इस पैनल के गठन के बाद कश्मीर के युवकों के साथ विवाहित पाकिस्तान की महिलाओं की चिंता बढ़ गई है.

जम्मू-कश्मीर में रहने वाली PAK दुल्हनों पर गिरेगी गाज... जानें क्या है सरकार का फरमान

जम्मू-कश्मीर में गैर कानूनी तौर पर रहने वाले विदेशियों को लेकर अब जम्मू-कश्मीर गृह विभाग ने हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्रालय की सिफारिशों पर एक उच्च स्तरीय पैनल का गठन किया है. इस पैनल के गठन के बाद कश्मीर घाटी में अवैध रूप से रह रहे विदेशियों पर जहां नजर रखी जायेगी. वहीं, इस पैनल के गठन के बाद कश्मीर में विशेषकर रह रहीं पाकिस्तानी महिलाएं, जिनकी शादी कश्मीरी युवाओं से हुई हैं, वह चिंतित हैं.

जम्मू-कश्मीर में 90 के दशक में आतंकवाद की शुरुआत के साथ ही तब कश्मीरी युवा नियंत्रण रेखा फांदकर पाकिस्तान अतिकृत कश्मीर में आतंकी ट्रेनिंग के लिए गये थे. जिनमें से अधिकतर फिर वहां के हालात से तंग आकर यहां वापस आने की चाह में थे.

साल 2010 में तब उमर अब्दुल्लाह की सरकार ने पुनर्वास योजना के तहत हथियार छोड़, सरेंडर कर कश्मीर में अमन और शांति की जिंदगी गुजारने के लिए वापस बुलाया और 350 परिवार नेपाल के रास्ते वापस कश्मीर पहुंचे. इन वापस आने वाले युवाओं में से अधिकतर ने वहीं पाकिस्तान की लड़कियों से शादी की थी और पुनर्वास योजना के तहत वह अपनी बीवी बच्चों समेत यहां आए, जो 4000 के करीब हैं.

पाकिस्तान की महिलाओं के पास नहीं है नागरिकता

यह विदेशी महिलाएं जम्मू-कश्मीर सरकार की तरफ से नागरिक की स्वीकृति नहीं दी गई है और वह किसी भी कानूनी दस्तावेज के बगैर जम्मू-कश्मीर विशेषकर कश्मीर में रहती हैं. हालांकि इन पाकिस्तानी मूल की महिलाओं ने सरकार से कई बार यह गुहार की थी कि उन्हें या तो भारतीय नागरिकता दी जाए या कोई कानूनी ट्रैवल दस्तावेज दिया जाए, ताकि वह आर-पार (पाकिस्तान-भारत) के बीच सफर कर सके, पर आजतक ऐसी कोई अपील सफल नहीं हुई है.

जम्मू-कश्मीर सरकार की तरफ से इस पैनल के गठन के बाद इन महिलाओं की चिंताएं बढ़ गई हैं और इनके अनुसार उन्हें डर हैं कि यह उन्हें पाकिस्तान वापस भेजने की प्रोसेस की शुरआत हैं. इससे उनकी चिंता बढ़ गई है.

जम्मू और कश्मीर सरकार ने 01 जनवरी, 2011 से केंद्र शासित प्रदेश में अवैध रूप से/अधिक समय तक रहने वाले विदेशी नागरिकों की पहचान करने के लिए इस उच्च स्तरीय पैनल का गठन किया है.

अब बढ़ गई है पाकिस्तानी महिलाओं को चिंताएं

जम्मू-कश्मीर के गृह विभाग ने 1 जनवरी, 2011 से केंद्र शासित प्रदेश में अवैध रूप से/अधिक समय तक रहने वाले विदेशी नागरिकों की पहचान करने के लिए वित्त कमिश्नर या गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन किया गया था.

इस उच्च स्तरीय पैनल में फॉरेनर रेजिनल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (एफआरआरओ), ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन (अमृतसर (पंजाब), जिला एसएसपीज, सीआईडी, स्पैशल ब्रांच, जम्मू; वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, सीआईडी, विशेष शाखा, श्रीनगर; सभी जिला एसएसपी/एसपी (एफआरओ), इमिग्रेशन, वीजा एंड फॉरेनर्स रजिस्ट्रेशन एंड ट्रैकिंग (आईवीएफआरटी) और नैशनल इन्फॉर्मेशन सेंटर (एनआईसी) विभाग शामिल हैं.

आदेश के अनुसार, यह उच्च स्तरीय पैनल जम्मू और कश्मीर में लापता विदेशियों की एक मासिक रिपोर्ट तैयार करेगा और इसे हर महीने की 7 तारीख तक गृह मंत्रालय को सौंप दिया करेगा. सूत्रों की माने तो यह पैनल जम्मू कश्मीर में रोहिंग्या समेत बांग्लादेश से आए विदेशियों के साथ साथ यहां अवैध रूप से रह रही पाकिस्तानी महिलाओं पर नजर रखेगा.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *