करीब 8 साल पहले परिवार से बिछड़े युवक की आंखों में उस समय आंसू आ गए, जब वह अपने माता-पिता से मिला. इतने वर्षों के दौरान युवक दर-दर भटकता रहा लेकिन उम्मीद नहीं छोड़ी. 15 दिन पहले उसके दिमाग में एक आइडिया आया. इस आइडिया ने उसे अपने परिजनों से मिलवा दिया.
खरगोन. खरगोन जिले के भीकनगांव से करीब आठ साल पहले लापता हुए एक लड़के को इंस्टाग्राम ने माता-पिता से मिला दिया. माता-पिता को आठ साल बाद देख गुम हुए रोहित डावर की आखें नम हो गईं. इस अनूठे मामले ने जहां बेटे को परिवार से मिला दिया, वहीं आमतौर पर चैटिंग के लिए बदनाम सोशल मीडिया ने एक बिछड़े परिवार को एक कर दिया.
दरअसल, फरवरी 2016 में भीकनगांव में स्थित सेंट मैरिज स्कूल से रोहित डावर निवासी झेड़िया चीरिया अचानक गुम हो गया था. परिजनों ने भीकनगांव थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी लेकिन रोहित का पता नहीं चल सका. पूरे आठ वर्ष बाद सोशल मीडिया इंस्टाग्राम के माध्यम से रोहित अपने परिवार के पास सकुशल लौट आया है. बताया जा रहा है कि रोहित गुम होने के बाद खंडवा से आगरा रेलवे स्टेशन पहुंचा, वहां पर उसने लोगों से काम मांगा.
15 दिन पहले रोहित ने खोला था इंस्टाग्राम पर अकाउंट
अशोक नामक व्यक्ति उसे मिला जो उसे अपने गांव उन्नाव उत्तर प्रदेश ले गया. रोहित करीब पांच वर्ष तक वहां रहा. उसके बाद अशोक ने अपने रिश्तेदारों के यहां पंजाब के लुधियाना में काम करने के लिए उसे भेज दिया. इसी बीच 25 दिसंबर 2023 से रोहित इंस्टाग्राम चला रहा था. एक दिन अचानक रोहित को इंस्टाग्राम पर अपने भाई की फोटो दिखी. रोहित ने जब अपने भाई की इंस्टा आईडी को ओपन किया तो वहां पर अपने परिवार की फोटो देखी. फोटो देखने के बाद रोहित ने अपने भाई से इंस्टाग्राम पर चैट के जरिये मोबाइल लिया और माता-पिता से बात की. रोहित लुधियाना से अपने गांव झेड़िया चीरिया पहुंचा.
रोहित के माता पिता रोहित को लेकर भीकनगांव थाने पहुंचे, जहां से कागजी कार्रवाई कर उसे परिजनों के हवाले कर दिया गया. हालांकि, रोहित ने मीडिया के सामने कुछ भी बोलने से इनकार कार कर दिया.
इस मामले को लेकर भीकनगांव एसडीओपी राकेश आर्य का कहना है कि वर्ष 2016 में सेंट मेरी स्कूल से रोहित डावर नाम का लड़का गुम हो गया था. थाने में गुमशुदगी भी दर्ज कराई गई थी. एक दिन वह इंस्टाग्राम चला रहा था तो उसने अपने परिवार की फोटो देखी. फिर उसने अपने भाई और माता-पिता से बात की और जल्द लुधियाना से आने का भरोस दिया. रोहित लुधियाना से अपने घर पहुंचा और परिजनो से मिला. इस तरह से सोशल मीडिया के जरिये परिवार एकजुट हो गया.