Ram Mandir : BHU की देखरेख में राममंदिर के अंदर-बाहर लग रहीं 1000 मूर्तियां

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बीएचयू के दो प्रतिमा विज्ञानियों और नेशनल गैलरी ऑफ मार्डन आर्ट्स दिल्ली के डायरेक्टर जनरल की की देखरेख में अयोध्या राम मंदिर में मूर्तियां लग रहीं हैं। मंदिर के अंदर-बाहर एक हजार से अधिक मूर्तियां स्थापित की जा रही हैं। हर खंभे पर आठ देवताओं की मूर्तियां लगाई गई हैं।

Ram Mandir Ayodhya 1000 statues installed in complex of temple under supervision of BHU experts

काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के प्रतिमा विज्ञानियों की देखरेख में अयोध्या के भव्य राम मंदिर में मूर्तियां लगाई जा रही हैं। सभी मूर्तियां शास्त्र सम्मत रहें, इसे सुनिश्चित किया जा रहा है। भूतल पर जो मंदिर बना है, उसके आंतरिक और बाहरी हिस्से में छोटी-बड़ी करीब एक हजार से ज्यादा मूर्तियां लगी हैं। हर खंभे पर आठ देवताओं की मूर्तियां लगाई गई हैं। पिलर पर छह से सात इंच, पिलर के ऊपर एक से डेढ़ फुट और आंतरिक हिस्से में कई जगह चार फुट की मूर्तियां लगी हैं।

राम मंदिर में लगने वाली मूर्तियां शास्त्र सम्मत रहें, इसके लिए आइकोनोग्राफी (प्रतिमा विज्ञान) का सहारा लिया जा रहा है। एक-एक मूर्ति का अध्ययन किया जा रहा, फिर लगाने की औपचारिकता पूरी की जा रही है। विज्ञानी मूर्तियों को प्रमाणित करते हैं, फिर मूर्तिकार उसे तराशते हैं।

श्री रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र और संस्कृति मंत्रालय की पहल पर बीएचयू के कला इतिहास विभाग में पूर्व प्रोफेसर रहे डॉ मारुति नंदन तिवारी, बीएचयू के दृश्य कला संकाय में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शांतिस्वरूप सिन्हा और नेशनल गैलरी ऑफ मार्डन आर्ट्स दिल्ली के डायरेक्टर जनरल संजीव सिंह गौतम मूर्तियों को प्रमाणित कर रहे हैं। उनका कहना है कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा भले ही 22 जनवरी को हो रही है, लेकिन मंदिर का काम दिसंबर 2025 तक पूरा होगा। भूतल पर काम पूरा हो गया है। प्रथम और द्वितीय तल पर भी काम चल रहा है। हर तल की मूर्तियां दिसंबर 2025 तक लगाई जाएंगी।

प्रवेश द्वार पर दाईं तरफ गंगा और बाईं तरफ यमुना की प्रतिमा लगवाई

टीम की अगुवाई करने वाले डॉ मारुति नंदन तिवारी का कहना है कि मंदिर के द्वार पर लगी गंगा और यमुना की मूर्तियां शास्त्र सम्मत हैं। दाईं तरफ गंगा और बाईं तरफ यमुना की प्रतिमा लगवाने का सुझाव दिया गया था। ऐसी ही मूर्तियां देश के दूसरे मंदिरों में लगी हैं।

डॉ. शांति स्वरूप सिन्हा का कहना है कि मूर्तियों के अध्ययन में प्रतिमा विज्ञान यानी आइकोनोग्राफी की भूमिका महत्वपूर्ण है। प्रो. तिवारी के निर्देशन में चल रहे इस सेवा कार्य में बहुत कुछ सीखने को मिल रहा है। अध्ययन का यह काम अभी जारी है।

राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अध्यक्ष को दी रिपोर्ट
प्रो. मारुतिनंदन ने बताया कि तीन महीने पहले ही मूर्तियों को प्रमाणित करने की जिम्मेदारी मिली है। इसकी रिपोर्ट श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अध्यक्ष को दी गई है। इसमें करीब एक हजार मूर्तियों का ब्योरा है। एक-एक मूर्तियों को लगाने का बारीकी से अध्ययन कर उसका जिक्र किया गया है। राम से जुड़े विग्रहों के शास्त्र सम्मत और प्रवेश द्वार पर नवग्रह का अंकन करने संबंधी सुझाव दिए गए। मंदिर के बाहर लगने वाली देव मूर्तियों के क्रम, स्थान विशेष के अंकन सहित अन्य जगहों पर जो कुछ भी प्रतिमा विज्ञान के अनुसार सही है, उसका सुझाव भी शामिल किया गया है.

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