बागपत के लाक्षागृह (Lakshagraha) और कब्रिस्तान के विवाद पर कोर्ट का फैसला आया गया है. कोर्ट ने कहा है कि ये जगह कब्रिस्तान नहीं है बल्कि महाभारत कालीन लाक्षागृह है.
सिविल कोर्ट में मुकीम खान व अन्य ने यह दावा करते हुए केस दायर किया था कि यह जमीन कब्रिस्तान की है. साल 1970 से मुकदमा चला रहा था. 1997 में मुकदमा बागपत ट्रांसफर हुआ. 53 साल बाद हिंदुओं के पक्ष में फैसला आया है. हिंदू पक्ष के वकील ने बताया कि अपने फैसले में कोर्ट ने कहा है, यह कोई कब्रिस्तान नहीं है, लाक्षागृह है और महाभारत काल का ही है. मौके पर जो प्राचीन चिन्ह मिले हैं, उससे साफ होता है कि ये कब्रिस्तान नहीं है.