‘I.N.D.I.’ गठबंधन की रैली का सच!

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रामलीला मैदान में हुई रैली के दौरान 'इंडिया' गठबंधन ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा.

रामलीला मैदान में ‘I.N.D.I.’ गठबंधन की रैली का सच! गठबंधन के फ्लॉप शो की जीती-जागती तस्वीर

सोनिया विहार से आये तीन दोस्तों आनंद , आदी और राज ने बताया कि उन्हें किसी ‘ईवेंट के सर’ ने रैली में आकर थोड़ा समय बिताने के लिए कहा है. आनंद ने कहा, ‘पता नहीं रैली क्यों है.’ पूछे जाने पर उसने कहा कि बाद में खाने का भी इंतजाम है. राज वर्मा ने पूछे जाने पर कहा, “हो सकता है पैसे वगैरह भी मिलेंगे.” कितने पैसे मिलेंगे, यह पूछने पर उसने कहा कि लगभग 300 रुपये मिलेंगे.

दिल्ली के रामलीला मैदान में रविवार को विपक्षी ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) गठबंधन की ‘लोकतंत्र बचाओ’ रैली में खाली कुर्सियां नजर आईं और आम लोग गायब दिखे. अपने भाषणों में अलग-अलग विपक्षी दलों के नेता मोदी सरकार को हटाने की बात करते नजर आए. किसी ने “अबकी बार 400 पार” के नारे पर तंज कसा तो किसी ने गारंटियां देकर वोटर को लुभाने की कोशिश की.

विपक्ष ने रैली के लिए माहौल बनाना कई दिन पहले से शुरू कर दिया था, लेकिन, इस ‘मेगा शो’ की हवा खाली कुर्सियों ने निकाल दी. रामलीला मैदान में खाली पड़ी ये कुर्सियां ‘इंडिया’ गठबंधन के फ्लॉप शो की जीती-जागती तस्वीर हैं. मंच पर अलग-अलग नेता भाषण देने आए और गए, लेकिन कुर्सियां फिर भी खाली ही रहीं.

आदी ने कहा, “हम बस आ गये हैं. हमारी कुछ भी मांगें नहीं हैं.” राज वर्मा ने पूछे जाने पर कहा, “हो सकता है पैसे वगैरह भी मिलेंगे.” कितने पैसे मिलेंगे, यह पूछने पर उसने कहा कि लगभग 300 रुपये मिलेंगे.
दूसरी ओर, विपक्षी गठबंधन (इंडिया) के घटक दलों ने रविवार को ऐतिहासिक रामलीला मैदान से पांच सूत्री मांगें रखीं, जिनमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की तत्काल की रिहाई की मांग भी शामिल है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने विपक्ष की ‘लोकतंत्र बचाओ महारैली’ में मंच से ‘इंडिया’ गठबंधन की तरफ से ये मांगें रखीं. उन्होंने कहा, “निर्वाचन आयोग को लोकसभा चुनावों में समान अवसर सुनिश्चित करना चाहिए. निर्वाचन आयोग को चुनाव में हेराफेरी करने के उद्देश्य से विपक्षी दलों के खिलाफ जांच एजेंसियों द्वारा की जानी वाली कार्रवाई रोकनी चाहिए. हेमंत सोरेन और अरविन्द केजरीवाल की तुरंत रिहाई की जाए. चुनाव के दौरान विपक्षी राजनीतिक दलों का आर्थिक रूप से गला घोंटने की जबरन कार्रवाई तुरंत बंद होनी चाहिए.

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