Health Insurance Portability: मोबाइल नंबर की तरह हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी भी करा सकते हैं पोर्ट, यहां जानें प्रोसेस

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Health Insurance Portability: पॉलिसीहोल्डर को इंश्योरेंस पोर्ट कराने पर अपनी बदलती जरूरतों के हिसाब से ऐसी पॉलिसी चुनने का मौका मिल पाता है जो उन्हें बेहतर कवर और बेनिफिट देती हो.

Health Insurance Portability: आजकल हर किसी के लिए हेल्थ पॉलिसी (Health Policy) में निवेश करना जरूरी हो गया है. लेकिन कई बार ऐसा होता है कि हेल्थ पॉलिसी के बारे में बिना अधिक जानकारी के हम उसमें निवेश कर देते हैं. जिससे हमें नुकसान उठाना पड़ जाता है. अगर आप अपने मौजूदा हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी की सर्विस से खुश नहीं हैं या आपको अपनी हेल्थ पॉलिसी का प्रीमियम भरना अधिक लग रहा है या फिर उसे क्लेम करने में परेशानी आ रही है तो अब आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है. यहां हम आपको हेल्थ पॉलिसी पोर्ट (Portability of Health Insurance) करने का आसान तरीका बताने जा हैं, जिसके जरिये आप मोबाइल नंबर की तरह अपनी पॉलिसी को किसी दूसरी हेल्थ पॉलिसी में पोर्ट कर सकते हैं. तो चलिए जानते हैं इसके बारे में …

इन वजहों से कराना पड़ता है हेल्थ इंश्योरेंस पोर्ट

हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टेबिलिटी (Health Insurance Portability) के जरिये अपनी हेल्थ पॉलिसी को एक इंश्योरेंस कंपनी से दूसरी इंश्योरेंस कंपनी में स्विच कर सकते हैं. पॉलिसीहोल्डर (Policyholder) को एक इंश्योरेंस कंपनी से दूसरी इंश्योरेंस कंपनी में हेल्थ पॉलिसी पोर्ट कराने के लिए कोई चार्ज नहीं देना पड़ता है. हेल्थ इंश्योरेंस पोर्ट (Port Existing Health Policy) करने की कई वजहें हो सकती हैं. इनमें कम कवरेज, ज्यादा प्रीमियम, इंश्योरेंस कंपनी की खराब सर्विस या एडिशनल बेनिफिट्स शामिल हैं. 

 हेल्थ पॉलिसी को रिन्यू कराने के समय ही करें पोर्ट

आपको बता दें कि सभी तरह की हेल्थ पॉलिसी की पोर्टेबलिटी संभव नहीं है. आप किसी जनरल या स्पेशलाइज्ड इंश्योरेंस कंपनी की पॉलिसी को दूसरी जनरल या स्पेशलाइज्ड पॉलिसी में पोर्ट कर सकते हैं. कोई पॉलिसीहोल्डर रीम्बर्समेंट हेल्थ प्लान ( Reimbursement Health Plan) को ही दूसरे रीम्बर्समेंट प्लान में या फिर किसी एक टॉप अप प्लान (Health Policy top up plan) को दूसरे टॉप अप प्लान में पोर्ट कर सकता है. लेकिन आप हेल्थ पॉलिसी को पॉलिसी पीरियड के दौरान पोर्ट नहीं कर सकते हैं. इसलिए ध्यान रखते हुए आप पॉलिसी को रिन्यू कराने के समय ही पोर्ट करा लें. आप फैमिली और इंडिविजुअल दोनें तरह की हेल्थ पॉलिसी को पोर्ट करा सकते हैं.

यहां हम आपको हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टेबिलिटी का पूरा प्रोसेस बताने जा रहे हैं…

  • इसके लिए सबसे पहले आपको जिस नई इंश्योरेंस कंपनी में अपनी हेल्थ पॉलिसी पोर्ट करवानी है उसके पास पॉलिसी रिन्यूअल की तारीख से 45 दिन पहले आवेदन देना होता है.
  • जिसके बाद नई कंपनी को ओर से आपको प्रपोजल और पोर्टेबलिटी फॉर्म भेजा जाएगा.
  • इसमें आपको पॉलिसीहोल्डर का नाम, फोन नंबर, ईमेल आदि डिटेल भरना होगा.
  • जिसके बाद नई इंश्योरेंस कंपनी आपके मौजूदा हेल्थ पॉलिसी कंपनी से संपर्क करेगी.
  • नई इंश्योरेंस कंपनी को आपकी मौजूदा पॉलिसी से जुड़ी डिटेल जैसे  क्लेम हिस्ट्री, मेडिकल रिकॉर्ड्स आदि के बारे में पता करना हो तो वह आईआरडीएआई की वेबसाइट का सहारा लेकर यह जानकारी प्राप्त कर सकती है.
  • अगर आईआरडीएआई के कॉमन डेटा शेयरिंग पोर्टल पर आपके पॉलिसी की पूरी जानकारी नहीं मिलती है तो हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टेबिलिटी को होल्ड पर रखा जा सकता है.
  • वहीं, अगर नई इंश्योरेंस कंपनी को जरूरी डॉक्यूमेंट्स मिल जाती है तो आपको 15 दिन के अंदर आपको हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टेबिलिटी रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट होने या रिजेक्ट होने को लेकर जानकारी दे दी जाती है.

जानें क्या हैं Health Insurance Portability के फायदे

पॉलिसीहोल्डर को इंश्योरेंस पोर्ट कराने पर अपनी बदलती जरूरतों के हिसाब से ऐसी पॉलिसी चुनने का मौका मिल पाता है जो उन्हें बेहतर कवर और बेनिफिट देती हो. वहीं, इंश्योरेंस पोर्ट कराने पर पॉलिसीहोल्डर का सम इंश्योर्ड और नो क्लेम बोनस भी नई हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में जुड़ जाता है. उदाहरण के तौर पर  अगर आपने 10 लाख का नया हेल्थ इंश्योरेंस कवर लिया है और आपकी पुरानी पॉलिसी का सम इंश्योर्ड 5 लाख था और आपको 15 हजार रुपये का  नो क्लेम बोनस मिला तो  तो इंश्योरेंस पोर्ट कराने पर नई पॉलिसी का कुल अमाउंट 15 लाख,15 हजार रुपये हो जाएगा.

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