ऑस्ट्रेलिया में एक रात में 50 से ज्यादा व्हेल मछलियों की मौत
ऑस्ट्रेलिया के पश्चिमी शहर एल्बनी के पास एक तट पर एक ही रात में 50 से ज्यादा व्हेल मछलियों की मौत हो गयी है. मंगलवार को करीब 100 मछलियां तट पर बाहर आ गयी थीं.
ऑस्ट्रेलिया के पश्चिमी तट पर एक ही रात में 50 से ज्यादा व्हेल मछलियों की मौत हो गयी. मंगलवार को 97 पायलट व्हेल मछलियां वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया राज्य में तट पर आ गयी थीं, जिनमें से कम से कम 51 की मौत हो गयी है.
जैव विविधता संरक्षण विभाग (DBCA) के अधिकारी और दर्जनों स्वयंसेवी रातभर इन व्हेल मछलियों की निगरानी कर रहे थे. विभाग के क्षेत्रीय प्रबंधक पीटर हार्टली ने मीडिया से बातचीत में 51 मछलियों की मौत की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि बाकी मछलियों को बचाना और उन्हें जल्द से जल्द समुद्र में वापस पहुंचाना उनकी प्राथमिकता है.
हार्टली ने कहा, “हमें उम्मीद है जितनी मछलियों को बचा पाएंगे, बचा लेंगे.”
बहुत बड़ा झुंड
विशेषज्ञ फिलहाल यह बताने की स्थिति में नहीं हैं कि इतनी बड़ी तादाद में मछलियां तट पर क्यों आईं. उनका कहना है कि पायलट व्हेल मछलियां बहुत पारिवारिक जीव हैं और वे एक साथ रहना पसंद करती हैं.
सोशल मीडिया पर आम लोगों द्वारा साझा की जा रहीं तस्वीरों और वीडियो में दर्जनों की संख्या में इन काली, लंबे मुंह वाली मछलियों को समुद्र तट पर पसरे देखा जा सकता है. यह घटना पर्थ शहर से करीब 400 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में एल्बनी कस्बे के पास शायंस बीच पर हुई. ये मछलियां तट से करीब 150 मीटर दूर रेत में पड़ी हुई हैं.
50 साल बाद आजाद होगी किलर व्हेल लोलिता
कहानी लोलिता की
57 साल की लोलिता एक ओर्का है. ओर्का व्हेल एक किलर व्हेल होती हैं. लोलिता को 1970 में सिएटल के पास पकड़ा गया था. लोग इसको टोकी नाम से भी पुकारते हैं. इसका वजन करीब 2268 किलो है.
लोलिता के अब अच्छे दिन आने वाले हैं
मियामी सीएक्वारियम ने कहा कि वह गैर लाभकारी फ्रेंड्स ऑफ लोलिता के साथ करार पर पहुंच गया है. लोलिता अब सीएक्वारियम में करतब नहीं करती है. वह रिटायर हो चुकी है.
मिल जाएगा नया ठिकाना
लोलिता को अगले दो साल में प्रशांत महासागर में छोड़ दिया जाएगा. वह अपने प्राकृतिक निवास स्थान यानी समंदर में रहने चली जाएगी. जब लोलिता को पकड़ा गया था तो वह मात्र चार साल की थी. लोगों को उम्मीद है कि वह खुले समंदर में शिकार कर पाएगी.
लोलिता के दीवाने
सीएक्वारियम में लोलिता को देखने हर दिन हजारों लोग पहुंचते हैं. सालों से लोलिता लोगों का मनोरंजन कर रही थी. मार्च 2022 में लोलिता को रिटायर कर दिया गया था. लोलिता की रिहाई के लिए लंबा संघर्ष चला.
आजादी के लिए कागजी कार्यवाही
लोलिता की आजादी उतनी आसान नहीं है. मियामी हेराल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक लोलिता को उसके प्राकृतिक निवास में वापस लाने की योजना को संघीय मंजूरी की जरूरत है. मियामी डेड काउंटी मेयर डानिएला लेविन कावा का कहना है कि लोलिता को आजाद करने के लिए काफी कागजी कार्रवाई की जरूरत है.
जब मां से मुलाकात होगी
लोलिता की मां जिसका नाम ओशियन सन है, आज भी प्रशांत उत्तर पश्चिम में आजाद घूम रही है. उसकी उम्र अनुमानित 90 साल है. यही कारण है कि अधिकार कार्यकर्ताओं की दलील है कि लोलिता भी लंबी आयु तक जिंदा रह सकती है.
व्हेल मछलियों का आना मंगलवार शाम को शुरू हुआ और जानकारी मिलने पर आम लोग व सरकारी अधिकारी तट पर पहुंच कर उन्हें वापस समुद्र में भेजने की कोशिश करने लगे. डीबीसीए के एक प्रवक्ता ने कहा, “हम इस आपातकालीन स्थिति से निबटने की कोशिश कर रहे हैं.”
क्यों भटक जाती हैं व्हेल
ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में व्हेल्स मछलियों का यूं पूरे झुंड में समुद्र तट पर चले आना कोई नयी बात नहीं है. पिछले साल अक्तूबर में न्यूजीलैंड के शैटहम द्वीप पर इसी तरह की एक घटना में 500 से ज्यादा पायलट व्हेल मछलियों की मौत हो गयी थी. इसी तरह 2022 में ऑस्ट्रेलियाई राज्य जबकि 2018 में वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया के हैमलिन बे में 150 मछलियां पायी गयी थीं.
वैज्ञानिक अभी भी व्हेल मछलियों के इस व्यवहार को पूरी तरह नहीं समझ पाये हैं. कुछ शोधकर्ताओं का अनुमान है कि जब ये झुंड खाने की तलाश में तट के बहुत करीब चले आते हैं तो रास्ता भटक जाते हैं. पायलट व्हेल लगभग 20 फुट लंबी हो सकती हैं. वे बहुत सामाजिक प्राणी मानी जाती हैं और अगर झुंड की कुछ मछलियां भटक जाएं तो बाकी उनका साथ देने क लिए उनके पीछे चली आती हैं.