मध्य प्रदेश की पहली महिला बीसीसीआइ पैनल अंपायर हैं रितिका बुले।
बीसीसीआई ने गत दिनों देशभर के पूर्व क्रिकेटरों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सेमीनार और अंपायरिंग परीक्षा आयोजित की थी।
Indore News: कपीश दुबे, इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। सभी खेलों में भले ही पुरुषों के साथ महिला खिलाड़ियों का महत्व समान रूप से बढ़ा है, लेकिन क्रिकेट अंपायरिंग में अब तक पुरुषों का ही दबदबा नजर आता है। मगर अब इंदौर की दो बहनों ने पहली बार एक साथ बीसीसीआइ की अंपायरिंग परीक्षा पास की है।
रितिका बुले ने मप्र से जबकि बड़ी बहन निधि बुले ने झारखंड का प्रतिनिधित्व करते हुए बीसीसीआइ पैनल अंपायर बनने का गौरव हासिल किया। राष्ट्रीय स्तर पर पहली बार है जब दो बहनें साथ में राष्ट्रीय क्रिकेट अंपायर चुनी गई हों।
देशभर में इन्हें मिलाकर कुल सात ही महिला अंपायर हैं। 31 साल की रितिका देश की सबसे कम उम्र की महिला अंपायर भी हैं।
सेमीनार और अंपायरिंग परीक्षा आयोजित
बीसीसीआई ने गत दिनों देशभर के पूर्व क्रिकेटरों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सेमीनार और अंपायरिंग परीक्षा आयोजित की थी। इसमें देशभर से 129 पूर्व क्रिकेटरों ने आवेदन दिया था। 19 अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे जबकि 35 पास हुए। इनमें चार महिला अंपायर भी हैं। अब देश में कुल सात बीसीसीआइ पैनल महिला अंपायर हो चुकी हैं।
राज्य टीम का किया प्रतिनिधित्व
इंदौर की पूर्व क्रिकेटर रितिका तीन साल से स्टेट पैनल अंपायर हैं। अपने करियर में रितिका विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में 31 प्रथमश्रेणी मैच खेल चुकी हैं। उन्होंने आठ साल की उम्र में पहली बार राज्य टीम का प्रतिनिधित्व किया था। वे अंडर-19 आयु वर्ग में मप्र की कप्तान भी रहीं।
भारतीय टीम का भी प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं
उनकी बड़ी बहन निधि बुले मप्र के अलावा भारतीय टीम का भी प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। लंबे समय तक मप्र सीनियर महिला टीम की कप्तान भी रहीं। गत सत्र में वे झारखंड राज्य टीम का हिस्सा थीं और अंपायर परीक्षा में इसी राज्य का प्रतिनिधित्व किया था।
यह रोचक संयोग है कि रितिका जहां मप्र की पहली बीसीसीआइ पैनल महिला अंपायर हैं वहीं झारखंड में यह सम्मान उनकी बहन निधि को प्राप्त हुआ है। निधि ने इसी साल अंपायरिंग करना प्रारंभ किया और क्रिकेट से संन्यास के बाद अंपायरिंग में नई पारी शुरू की।
अंपायरिंग में प्रदेश का नाम रोशन करने की इच्छा
रितिका ने बताया कि आइपीएल फाइनल में जब मैंने इंदौर के नितिन मेनन को अंपायरिंग करते देखा तो इस फील्ड की ओर आकर्षण बढ़ा। क्रिकेटर के रूप में मेरा प्रदर्शन कमजोर हो रहा था। मैं टीम से भी बाहर हो रही थी, लेकिन क्रिकेट मैदान से दूर होने का मन नहीं था। ऐसे में अंपायरिंग करने का विकल्प था।
मुझे एमपीसीए ने बहुत मदद की, जिसके कारण मैं पहले स्टेट पैनल अंपायर बनी। मैंने क्लब स्तर पर पुरुष टीम के मैचों का भी संचालन किया है। सभी खिलाड़ी महिला होने के कारण बहुत ज्यादा सम्मान देते हैं। अब मैं चाहती हूं कि शीर्ष स्तर पर अंपायरिंग में मध्य प्रदेश का नाम रोशन करूं।
मप्र के चार पूर्व क्रिकेटर बने अंपायर
बीसीसीआइ द्वारा आयोजित परीक्षा में मप्र से कुल चार पूर्व क्रिकेटर राष्ट्रीय स्तर पर अंपायर बने। इनमें रितिका बुले के अलावा इंदौर के रोहन श्रीवास्तव, अभिषेक तोमर भी बीसीसीआइ पैनल अंपायर बने हैं। साथ ही सागर के रमीज खान ने भी परीक्षा पास की है।