भारत ने आर्चरी के इतिहास में 5 अगस्त से पहले किसी भी इंडिविजुअल इवेंट में कोई गोल्ड मेडल नहीं जीता था लेकिन शनिवार को भारत ने महिलाओं और पुरुषों के इवेंट में पहली बार एक-एक गोल्ड जीतकर बरसों के इंतजार को खत्म कर दिया.
ओजस देओतले
भारतीय तीरंदाजी के इतिहास में 5 अगस्त का दिन हमेशा-हमेशा के लिए यादगार बन गया है. एक ऐसा दिन, जिसकी उम्मीद भारतीय तीरंदाजओं और इस खेल के चाहने वाले लंबे समय से कर रहे थे, जो कई सालों की मेहनत के बाद भी भारतीय खिलाड़ियों को नसीब नहीं हुआ था.
बर्लिन में हो रही आर्चरी वर्ल्ड चैंपियनशिप में शनिवार 5 अगस्त को भारत ने सिर्फ न सिर्फ पहली बार गोल्ड मेडल जीता, बल्कि कुछ ही घंटों में इस उपलब्धि को फिर से दोहरा दिया. भारत के तीरंदाज ओजस प्रवीण देओतले ने पुरुषों के इंडिविजुअल कंपाउंड इवेंट में गोल्ड मेडल जीत लिया. वो ऐसा करने वाले भारत के सिर्फ दूसरे खिलाड़ी और पहले पुरुष तीरंदाज बन गए.
21 साल के ओजस ने शनिवार को हुए इवेंट के फाइनल में पोलैंड के लुकास शिबिल्सकी को एक सनसनीखेज टक्कर में सिर्फ एक पॉइंट के अंतर से हराते हुए ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की. फाइनल के इस कमाल से पहले ही ओजस ने सेमीफाइनल में कहर बरपा दिया था. विश्व रैंकिंग में 34वें स्थान पर मौजूद ओजस ने खिताब के दावेदार और विश्व नंबर 1 नेदरलैंड्स के माइक श्लोएसर को 149-148 से चौंका दिया था.
परफेक्ट स्कोर के साथ ओजस का इतिहास
टूर्नामेंट के सबसे बड़े उलटफेर को अंजाम देना अगर काफी नहीं था, तो ओजस ने अपना बेस्ट फाइनल के लिए बचाकर रखा. इस मुकाबले में भारत और पोलैंड के तीरंदाजों ने काफी देर तक स्कोर को बराबरी पर रखा. आर्चरी में एक परफेक्ट शॉट के 10 पॉइंट्स मिलते हैं. आखिरकार एक शॉट पर शिबिल्सकी चूके और उन्हें सिर्फ 9 पॉइंट्स मिले. इसके बाद भी आखिरी राउंड में पोलिश आर्चर ने सभी तीर बिल्कुल निशाने पर मारे.
इसके जवाब में युवा भारतीय आर्चर ने अपने हर तीर को परफेक्ट 10 के पॉइंट पर लगाया और आखिरकार 150 के परफेक्ट स्कोर के साथ वर्ल्ड चैंपियन बन गए.
24 घंटे में तीसरा गोल्ड
भारत के लिए ये वर्ल्ड चैंपियनशिप शानदार साबित हुई है. इससे पहले टूर्नामेंट के इतिहास में भारत ने एक बार भी गोल्ड नहीं जीता था लेकिन महज 24 घंटे में भारत ने 3 गोल्ड अपने नाम कर लिये. शुक्रवार को महिलाओं के कंपाउंड टीम इवेंट में भारत ने पहली बार गोल्ड जीता था. फिर शनिवार को 17 साल की अदिति स्वामी इंडिविजुअल इवेंट में गोल्ड जीतने वाली भारत की पहली आर्चर बनी थी. अदिति की इस सफलता के 240 मिनट यानी करीब 4 घंटे के अंदर ही ओजस ने भी ये सफलता दोहराते हुए इतिहास में अपना नाम दर्ज करवा लिया.