7 मिनट की मौत, फिर पुर्नजन्‍म, शख्‍स को ‘परलोक’ में दिखा चांद और उल्‍कापिंड

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सात मिनट के लिए मृत हो गए थे। इसके बाद भी वह सबकुछ महसूस कर पा रहे थे।

एक ब्रिटिश स्‍टेज एक्‍टर मरने के बाद फिर से जीवित हो गए हैं। पुर्नजन्‍म से पहले उन्‍होंने अपनी स्‍वर्ग की संक्षिप्त यात्रा के बारे में बताया है। भारतीय मूल के 60 साल के शिव ग्रेवाल के साथ जो कुछ हुआ वह 10 साल पुरानी बात है लेकिन उन्‍होंने इसे हाल ही में पीए रियल लाइफ के साथ शेयर किया है।

शिव को नौ फरवरी, 2013 को दक्षिणपूर्व लंदन में उनके घर के करीब लंच के बाद कार्डियक अरेस्ट आया था। उनकी पत्‍नी एलिसन भी उनके साथ थीं और उन्‍होंने तुरंत मदद के लिए एक एम्बुलेंस को फोन किया। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी और शिव मर चुके थे।

ग्रेवाल ने सात मिनट के अनुभव के बारे में पिछले दिनों पीए रियल लाइफ को बताया, ‘मुझे किसी तरह पता था कि मैं मर चुका हूं। मैंने महसूस किया कि चीजें मेरे शरीर से बिल्कुल अलग हैं। यह ऐसा था जैसे मैं शून्य में था लेकिन भावनाओं और संवेदनाओं को महसूस कर सकता था।’ उन्‍होंने आगे कहा, ‘मेरे पास ऐसा कोई शरीर नहीं था। मुझे लगता है कि यह कुछ-कुछ पानी में तैरने जैसा था। आप बिल्‍कुल बोझ महसूस नहीं करते हैं और भौतिक दुनिया से अलग हो जाते हैं। एक बार तो मैं चंद्रमा पर यात्रा कर रहा था। मैं उल्कापिंड और संपूर्ण अंतरिक्ष देख सकता था।’

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जिंदा रहना चाहते थे शिव


शिव की मानें तो उन्‍हें चांद और अंतरिक्ष दिख रहा था लेकिन वह उन्‍हें नहीं देखना चाहते थे। वह अपने शरीर और अपने समय के साथ-साथ अपनी पत्नी के पास लौटना चाहता थे। वह जिंदगी जीना चाहते थे। बाद में एक एम्बुलेंस घटनास्थल पर पहुंची और पैरामेडिक्स की मदद से ग्रेवाल के दिल ने फिर से धड़कना शुरू कर दिया। बाद में उनकी धमनी में एक स्टेंट डालने के लिए उन्हें सर्जरी के लिए ले जाया गया। यह पूरी तरह से बंद हो गई थी। सेरेब्रल हाइपोक्सिया यानी मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी की वजह से डॉक्टरों ने उन्‍हें एक महीने के लिए कोमा में रखने का फैसला किया। इसकी वजह से उन्‍हें मिर्गी की बीमारी हो गई।

अनुभव पर लगाई प्रदर्शनी


ग्रेवाल ने कहा कि उन्हें ऐसा महसूस हुआ जैसे संभावनाओं, विभिन्न जीवन और पुनर्जन्मों का एक पूरा सेट उन्‍हें पेश किया जा रहा था। ग्रेवाल उस दर्दनाक घटना से पूरी तरह उबर नहीं पाए हैं। लेकिन उन्होंने कहा कि मौत का सामना करने से जिंदगी के लिए उनकी सोच बदल गई है। उन्होंने कला को अनुभव का पता लगाने का एक डॉक्‍टरी तरीका तलाश लिया है। अब वह अपने अद्वितीय अनुभव का डॉक्‍यूमेंटेशन कर उसकी प्रदर्शनी आयोजित कर रहे हैं। उन्होंने लंदन के कर्मा सैंक्टम सोहो होटल में 24 सितंबर तक चलने वाली ‘रिबूट’ प्रदर्शनी में इस अनुभव को दिखाने की कोशिश की है।

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