भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमें शुरू में जानकारी मिली कि कतर की प्रथम दृष्टया अदालत ने आज अल दाहरा कंपनी के आठ भारतीय कर्मचारियों से जुड़े मामले में फैसला सुनाया है. हम मौत की सजा सुनाए जाने के फैसले से बेहद स्तब्ध हैं और फैसले के विस्तृत ब्योरे की प्रतीक्षा कर रहे हैं.
नई दिल्ली: कतर की अदालत ने 8 भारतीयों को मौत की सजा सुनाई है. ये आठों भारतीय इंडियन नेवी के पूर्व अधिकारी हैं और ये पिछले साल अगस्त महीने से ही कतर की जेल में बंद हैं. भारतीय नौसेना के पूर्व कर्मियों पर इजरायल के लिए जासूसी करने का आरोप है, जिसकी वजह से अदालत ने दोषी मानते हुए मौत की सजा सुनाई है. कतर की अदालत के इस फैसले पर भारत सरकार ने हैरानी जताई है और कहा कि सरकार कानूनी विकल्पों पर विचार कर रही है. मीडिया रिपोर्ट की मानें तो भारतीय नौसेना के इन 8 पूर्व अधिकारियों पर इजराइल के लिए पनडुब्बी कार्यक्रम की जासूसी करने का आरोप है
अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, अगस्त के आखिरी सप्ताह से कतर की जेल में बंद इन आठों भारतीयों के ऊपर इजरायल की ओर से जासूसी करने का आरोप है. इन पर आरोप है कि इन्होंने कतर के सबमरीन प्रोजेक्ट्स से जुड़े डेटा इजरायल को दिए हैं. ये सभी दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टिंग सर्विसेज के लिए काम करते थे, जो एक कतर के प्रोजेक्ट्स पर सलाह दे रही थी, जिसका उद्देश्य उच्च तकनीक वाली इतालवी निर्मित पनडुब्बियां प्राप्त करना था, जो रडार का पता लगाने से बच सकती थीं.
आरोप
दरअसल, कतर ने नौसेना बेस के निर्माण और अपने सैन्य बेड़े के रखरखाव से जुड़ी एक बड़ी परियोजना के हिस्से के रूप में पनडुब्बियों के निर्माण के लिए इतालवी जहाज निर्माण फर्म फिनकैंटिएरी एसपीए के साथ 2020 में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए थे. हालांकि, कथित तौर पर समझौता ज्ञापन लागू नहीं किया गया है. कतर और इटली के बीच सबमरीन को लेकर समझौता होना था, जिसकी जासूसी का आरोप इन भारतीयों पर है.
भारतीय नौसेना के ये आठों पूर्व अधिकारी दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी सर्विसेज में काम कर रहे थे, जो एक ओमानी नागरिक रॉयल ओमानी (ओमान की वायु सेना के सेवानिवृत्त स्क्वाड्रन लीडर) के स्वामित्व वाली रक्षा सेवा प्रदाता कंपनी है.
कौन-कौन हैं ये
कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर पूरेनेंदु तिवारी, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल और नाविक रागेश कतर जेल में बंद हैं.
भारत सरकार ने क्या कहा
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमें शुरू में जानकारी मिली कि कतर की प्रथम दृष्टया अदालत ने आज अल दाहरा कंपनी के आठ भारतीय कर्मचारियों से जुड़े मामले में फैसला सुनाया है. हम मौत की सजा सुनाए जाने के फैसले से बेहद स्तब्ध हैं और फैसले के विस्तृत ब्योरे की प्रतीक्षा कर रहे हैं. हम परिवार के सदस्यों और कानूनी दल के संपर्क में हैं. हम सभी कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं. हम इस मामले को बहुत महत्व देते हैं और इस पर बारीकी से नज़र रख रहे हैं. हम सभी कांसुलर और कानूनी सहायता देना जारी रखेंगे. हम फैसले को कतरी अधिकारियों के समक्ष भी उठाएंगे. इस मामले की कार्यवाही की गोपनीय प्रकृति के कारण, इस समय कोई और टिप्पणी करना उचित नहीं होगा.