MP : मंत्री बनने के बाद कैलाश विजयवर्गीय ने पहनाई माला, पत्नी ने कहा- 35 साल पहले की वरमाला याद आ गई

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MP News: मंत्री बनने के बाद कैलाश विजयवर्गीय ने घर जाते ही पत्नी आशा को माला पहनाई. (Photo-News18)

बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय 25 दिसंबर को मंत्री बन गए. उन्होंने घर जाकर सबसे पहले पत्नी आशा के गले में माला डाल दी. ये देख आशा सहित वहां मौजूद सभी लोग हंस पड़े. उन्होंने कहा कि इस माला से 35 साल पहले की वरमाला की याद आ गई.

भोपाल. बीजेपी के कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय ने 25 दिसंबर को मंत्री पद की शपथ ली. मंत्री बनने के बाद जब वे घर गए तो चारों ओर ठहाके लगने लगे. दरअसल, विजयवर्गीय ने घर जाते ही पत्नी आशा के गले में फूलों की माला डाल दी. ये नजारा देख पत्नी के साथ-साथ परिवार और समर्थक ठहाके लगाने लगे. माला पहनने के बाद आशा विजयवर्गीय ने कहा कि पति के हाथों से माला पहनकर पैंतीस साल पहले की वरमाला याद आ गई.

उन्होंने कहा कि स्वाभाविक बात है कि वो हमारे घर की मालकिन हैं. हम तो बाहर ही घूमते रहते हैं. घर में प्रवेश के पहले उनका सम्मान जरूरी है. मुख्यमंत्री मोहन यादव की कैबिनेट बहुत अच्छी है. निश्चित रूप से यह वर्ल्ड कप जीतने लायक टीम बन गई है. हम मध्य प्रदेश के विकास में टीम वर्क से काम करेंगे. उमा भारती, बाबूलाल गौर, शिवराज सिंह और अब मोहन यादव के नेतृत्व में काम करेंगे. पूर्व शिवराज सिंह चौहान की जगह मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि बीजेपी का कार्यकर्ता जहां बैठता है, वहां सबकुछ ठीक ही चलता है. कोई भी बैठे.

हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में काम करना है. पार्टी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जो भी जिम्मेदारी देंगे उसे पूरा किया जाएगा. ये भ्रम है कि कोई आया, कोई गया. उससे कोई फर्क नहीं पड़ता. हम बीजेपी के कार्यकर्ता हैं. कोई भी आए उसे अच्छे से करते हैं. कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि देश के मन में मोदी और मोदी के मन में देश. मुझे मध्य प्रदेश में काम करने के लिए बोला गया है. मैं यहीं काम करूंगा. हम पार्टी के कार्यकर्ता हैं. पार्टी जो काम देगी वो करेंगे. मैंने बंगाल में काम किया और उसे भी मजे से किया. लोकसभा में हम एमपी में पूरी 29 सीटें जीतेंगे. बता दें, कैलाश विजयवर्गीय ने इंदौर विधानसभा-1 से चुनाव लड़ा था. यह चुनाव उनके लिए एक चुनौती की तरह था. इंदौर में बीजेपी ने सारी सीटें जीतकर रिकॉर्ड बनाया.

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