AN-32 : Indian Airforce का 8 साल पहले लापता हुआ AN-32 विमान का मलबा समंदर में मिला

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भारतीय वायुसेना को बड़ी सफलता हाथ लगी है. आठ साल पहले गायब हुए एक परिवहन विमान के मलबे से जुड़ी जानकारी सामने आई है. यह विमान बंगाल की खाड़ी में रहस्यमयी तरीके से गायब हो गया था. घटना के वक्त विमान में भारतीय वायुसेना के 29 जवान सवार थे.

8 साल पहले लापता हुआ था IAF का AN-32 विमान... अब समंदर में मिला मलबा

भारतीय वायुसेना के एक परिवहन विमान AN-32 का मलबा मिला है. यह विमान करीब साढ़े सात साल पहले रहस्यमयी तरीके से बंगाल की खाड़ी के ऊपर गायब हो गया था. लापता हुए विमान में 29 कर्मी सवार थे. अब इस विमान का मलबा बंगाल की खाड़ी में करीब 3.4 किलोमीटर की गहराई पर मिला है. विमान के लापता होने के बाद भारतीय वायुसेना की ओर से बड़ा सर्च ऑपरेशन चलाया गया था, लेकिन कुछ भी हाथ नहीं लगा था.

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि हाल ही में राष्ट्रीय समुद्र प्रौद्योगिकी संस्थान के ऑटोनॉमस अंडरवाटर व्हीकल (AUV) द्वारा ली गई तस्वीरों की जांच से पता चला है कि चेन्नई तट से 310 किमी दूर समुद्र में मिला मलबा एएन-32 विमान का है. एयूवी की ओर से ली गई तस्वीरों की पड़ताल की गई जो एएन-32 विमान से मिलती जुलती पाई गई है.

मंत्रालय ने आगे कहा है कि जिस जगह पर विमान का यह मलबा मिला है उस इलाके में पहले कभी किसी विमान के लापता होने की कोई जानकारी नहीं है. ऐसे में किसी अन्य विमान के लापता होने की कोई जानकारी नहीं होना संभवत: यह वायुसेना के दुर्घटनाग्रस्त एन-32 विमान का मलबा होने की ओर इशारा करती है.

22 जुलाई, 2016 को हुआ था लापता

दरअसल, रजिस्ट्रेशन संख्या K-2743 वाला भारतीय वायुसेना का एएन-32 विमान 22 जुलाई, 2016 को एक अभियान के दौरान बंगाल की खाड़ी के ऊपर रहस्यमयी तरीके से लापता हो गया था. विमान में वायुसेना के 29 कर्मी सवार थे. हादसे के बाद भारतीय वायुसेना की ओर से बड़ा सर्च ऑपरेशन चलाया गया. कई दिन तक वायुसेना के हेलीकॉप्टर और विमान लापता एएन-32 को खोजते रहे, लेकिन कोई जानकारी हाथ नहीं लगी. विमान में सवार कर्मियों के बारे में भी कोई जानकारी हाथ नहीं लगी.

आखिरी लोकेशन पर तैनात किया था एयूवी

राष्ट्रीय समुद्र प्रौद्योगिकी संस्थान जो कि पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अधीन काम करता है. उसने समुद्र में उस जगह पर अपना एक एयूवी तैनात किया जहां आखिरी बार विमान के होने की जानकारी मिली थी. रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह खोज मल्टी-बीम सोनार (साउंड नेविगेशन एंड रेंजिंग), सिंथेटिक अपर्चर सोनार और हाई-रिज़ॉल्यूशन फोटोग्राफी सहित कई उपकरणों का उपयोग कर 3,400 मीटर की गहराई पर की गई.

चेन्नई से लगभग 140 समुद्री मील मलबे की मौजूदगी

एयूवी की ओर से ली गई तस्वीरों की जब जांच की गई तो चेन्नई तट से लगभग 140 समुद्री मील (310 किमी) दूर समुद्र तल पर एक दुर्घटनाग्रस्त विमान के मलबे की मौजूदगी का संकेत मिला. हालांकि, अब यह देखना है कि भारतीय वायुसेना खुद मलबे को बाहर निकालने के लिए कोई ऑपरेशन चलाती है या फिर किसी एजेंसी की मदद लेती है. इस संबंध में मंत्रालय की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई है.

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