Bharat Ratna Karpuri Thakur : बिहार के एक और लाल को मिला भारत रत्न, पूर्व CM कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत सम्मान देने की घोषणा

Spread the love

सरकार ने गणतंत्र दिवस से दो दिन पहले ही भारत रत्न के बारे में एलान कर दिया है। आम तौर पर केंद्र सरकार गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों और कभी-कभी भारत रत्न का एलान करती है।

दो बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे कर्पूरी ठाकुर को सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से नवाजा जाएगा। उन्हें मरणोपरांत यह सम्मान देने की घोषणा हुई है। कर्पूरी ठाकुर की 24 जनवरी को 100वीं जयंती है। इससे एक दिन पहले केंद्र सरकार ने उन्हें यह सम्मान देने का एलान किया है।

सर्वोच्च नागरिक सम्मान पाने वाले बिहार के तीसरे व्यक्ति
कर्पूरी ठाकुर पिछड़े वर्गों के हितों की वकालत करने के लिए जाने जाते थे। वे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पाने वाले बिहार के तीसरे व्यक्ति होंगे। उनसे पहले प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद और लोकनायक जयप्रकाश नारायण को यह सम्मान दिया गया था। बिहार में जन्मे बिसमिल्लाह खां को भी भारत रत्न से नवाजा जा चुका है। हालांकि, उनकी कर्मभूमि उत्तर प्रदेश की वाराणसी रही। उनका परिवार आज भी काशी में रहता है।

बुधवार को कर्पूरी ठाकुर की जयंती
आम तौर पर केंद्र सरकार गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों और कभी-कभी भारत रत्न का एलान करती है। इस बार सरकार ने गणतंत्र दिवस से दो दिन पहले ही भारत रत्न के बारे में एलान कर दिया है। 24 जनवरी को कर्पूरी ठाकुर की जयंती की पूर्व संध्या पर उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न देने की घोषणा हुई है।

कर्पूरी ठाकुर के बेटे ने कही यह बात
कर्पूरी ठाकुर के बेटे रामनाथ ठाकुर ने कहा कि मैं सरकार को यह फैसला लेने के लिए बिहार के 15 करोड़ लोगों की ओर से धन्यवाद देना चाहता हूं।

पीएम मोदी ने कही यह बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर लिखा, ‘मुझे खुशी है कि भारत सरकार ने सामाजिक न्याय के प्रतीक जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित करने का निर्णय लिया है। वह भी ऐसे समय में जब हम उनकी जन्मशती मना रहे हैं। दलितों के उत्थान के लिए उनकी अटूट प्रतिबद्धता और उनके दूरदर्शी नेतृत्व ने भारत के सामाजिक-राजनीतिक ताने-बाने पर एक अमिट छाप छोड़ी है। यह पुरस्कार न केवल उनके उल्लेखनीय योगदान का सम्मान है, बल्कि हमें अधिक न्यायसंगत समाज बनाने के उनके मिशन को जारी रखने के लिए भी प्रेरित करता है।’
कर्पूरी ठाकुर के निजी सचिव रहने के बाद पत्रकारिता में आए बिहार के वरिष्ठ पत्रकार सुरेंद्र किशोर ने कहा, ‘वह सही मायने में इसके हकदार थे। आज उनके नाम पर जातिगत गोलबंदी भले हो रही हो, वह ऐसा नहीं करते थे। अगड़ा-पिछड़ा का भाव उस हिसाब से नहीं था। उनके मन के आसपास रहने वाले लोग भी अब इस दुनिया में नहीं हैं, वरना यह खुशी और ज्यादा होती। मैं खुश हूं। बिहार खुश है। यह जननायक को वास्तविक हक मिलना है। इसकी प्रतीक्षा उनके निधन के बाद से की जा रही थी।’ 

अब तक 48 लोगों को मिल चुका है यह सम्मान
करीब 68 साल पहले शुरू हुए इस सर्वोच्च सम्मान से अब तक 48 हस्तियों को सम्मानित किया जा चुका है। पहली बार साल 1954 में आजाद भारत के पहले गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राज गोपालाचारी, वैज्ञानिक चंद्रशेखर वेंकटरमन और सर्वपल्ली राधाकृष्णन को दिया गया था।

10 साल में छठी हस्ती, जिसे मिलेगा सम्मान
मोदी सरकार के करीब 10 साल के कार्यकाल में अब तक पांच हस्तियों को सर्वोच्च सम्मान दिया जा चुका है। अब कर्पूरी ठाकुर यह सम्मान पाने वाले छठे व्यक्ति होंगे। दिवंगत प्रणब मुखर्जी, भूपेन हजारिका और नानाजी देशमुख से पहले मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में साल 2015 में पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी और पंडित मदन मोहन मालवीय को यह सर्वोच्च सम्मान दिया गया था। इसके चार साल बाद बीते लोकसभा चुनाव के कुछ महीने बाद तीन हस्तियों को सर्वोच्च सम्मान देने की घोषणा की गई थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *