यूपी बोर्ड परीक्षा शुरू होते ही सुरक्षा किले में एक कंप्यूटर ऑपरेटर ने सेंध लगा दी। दोपहर की पाली में शुरू हुए गणित और जीव विज्ञान के पेपर व्हाट्सएप ग्रुप पर वायरल हो गए। आगरा पुलिस के केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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यूपी बोर्ड परीक्षा की सुचिता धरी की धरी रह गई। गणित और जीव विज्ञान के पेपर परीक्षा शुरू होते ही व्हाट्सएप ग्रुप पर वायरल हो गए। पेपर देखकर शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में शिक्षा अधिकारियों ने पेपर को डिलीट करवाया, लेकिन तब तक एक घंटे से अधिक समय हो गया था। पेपर इंटर कॉलेज के कंप्यूटर ऑपरेटर ने लीक किया था। जिला परीक्षा पर्यवेक्षक के निर्देश पर कंप्यूटर ऑपरेटर, केंद्र व्यवस्थापक, स्टेटिक मजिस्ट्रेट समेत अन्य के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद बोर्ड के सुरक्षा किले में एक कंप्यूटर ऑपरेटर ने सेंध लगा दी। गुरुवार को दूसरी पाली दोपहर 2 से 5.15 बजे इंटरमीडिएट की परीक्षा शुरू हुई। गणित और जीव विज्ञान विषय का पेपर था। परीक्षा शुरू होने के कुछ देर बाद ही ऑल प्रिंसिपल ग्रुप पर दोनों परीक्षाओं के पेपर वायरल हो गए। दोपहर 3.10 बजे शिक्षा अधिकारियों ने पेपर देखे तो उनके होश उड़ गए। दोनों पेपरों का मिलान किया तो सही निकले। संयुक्त शिक्षा निदेशक आरपी शर्मा ने बताया कि जीव विज्ञान का संकेतांक 348 (जीएल) और गणित का संकेतांक 324 (एफसी) की फोटो वायरल हो रही है।
कंप्यूटर ऑपरेटर ने लगा दी सेंध
डीआईओएस दिनेश कुमार ने बताया कि थाना फतेहपुर सीकरी के किरावली रौझोली के अतर सिंह इंटर कालेज में कंप्यूटर पद पर तैनात विनय चौधरी ने अपने मोबाइल नंबर से पेपर को व्हाट्सएप ग्रुप पर शेयर किया था। जिला परीक्षा पर्यवेक्षक मुकेश अग्रवाल के आदेश पर कंप्यूटर ऑपरेटर विनय चौधरी, केंद्र व्यवस्थापक राजेंद्र सिंह, अतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापक गंभीर सिंह, स्टेटिक मजिस्ट्रेट डॉ. गजेंद्र सिंह (पशु चिकित्साधिकारी) समेत अन्य के खिलाफ केस दर्ज कराया है।
शिक्षा विभाग में बड़ा गड़बड़झाला है। अधिकारी से लेकर बाबू तक पर रिश्वत लेकर सेंटर बनाए जाने के आरोप लगते हैं। परीक्षा केंद्रों में कालेज संचालक अपने रिश्तेदारों और चिर परिचितों की ड्यूटी लगवाते थे। नकल विहीन परीक्षाओं का दावा करने वाले शिक्षा अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं हो सकी कि परीक्षा केंद्र के भीतर मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया जा रहा है, जबकि मोबाइल फोन प्रतिबंधित थे। कंप्यूटर ऑपरेटर ने मोबाइल नंबर 9897525748 से फोटो खींचकर पेपर ऑल प्रिंसिपल ग्रुप पर वायरल किए थे।