Donald Trump : Math-Science में जीनियस 18 साल के लड़के ने डोनाल्ड ट्रंप पर किया हमला, सुरक्षाबलों ने उसे मार गिराया
18 साल के एक लड़के ने डोनाल्ड ट्रंप पर हमला किया, खुफिया एजेंसियां इसकी जांच में जुटी हुई हैं. लेकिन मैथ्स और साइंस में जीनियर क्रुक्स की कहानी बेहद दिलचस्प है.
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर 18 साल के थॉमस मैथ्यू क्रूक्स ने A-15 राइफल से दनादन 5 गोलियां चलाईं. हालांकि, बाद में सीक्रेट एजेंसी के सुरक्षाबलों ने उसे मार गिराया. तबसे उसके बारे में लोग छानबीन कर रहे हैं. कहां का रहने वाला था? क्या करता था? आखिर ट्रंप से उसकी क्या दुश्मनी थी? जो जानकारी सामने आई है, वो हिला देने वाली है. थॉमस मैथ्यू क्रूक्स मैथ्स में चैंपियन था. उसने 500 डॉलर का अवार्ड भी जीता था. पढ़ाई उसे बेहद पसंद थी. इसी वजह से गरीब होने के बावजूद वह नर्सिंग होम के किचन काम करके अपना खर्च निकालता था. अब अमेरिका की खुफिया एजेंसियां उसकी एक-एक चीज के बारे में जानने में जुटी हुई हैं.
अमेरिकी खुफिया एजेंसी एफबीआई जानना चाहती है कि घटना से पहले वह किससे मिला. उसकी गतिविधियां क्या थीं. वह करता क्या था. कौन-कौन लोग उसके संपर्क में थे. कहीं वह ऑनलाइन या ऑफलाइन किसी टेररिस्ट ग्रुप से तो नहीं जुड़ा था? विशेषकर किसी विदेशी संगठन के लिए तो नहीं काम कर रहा था? इसके लिए जासूसों को लगाया गया है. उसकी डिजिटल हिस्ट्री खंगाली जा रही है. वह किन-किन वेबसाइट्स पर था, किन चैट ग्रुप्स से जड़ा था और कौन-कौन लोग उससे बात कर रहा था.
थॉमस मैथ्यू क्रूक्स जब 17 साल का था, तो उसने एक्टब्लू को 15 डॉलर दान दिया था. यह एक पोलिटिकल कमेटी है, जो बाइडन की पार्टी के लिए चंदा जुटाने का काम करती है. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, थॉमस मैथ्यू क्रूक्स ने बेथेल पार्क हाईस्कूल से ग्रेजुएशन किया था. मैथ्स में चैंपियन होने की वजह से उसे नेशनल मैथ एंड साइंस इनीशिएटिव से 500 डॉलर का अवार्ड भी मिला था. डिप्लोमा लेते हुए उसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
नर्सिंग होम में किया काम
थॉमस मैथ्यू क्रूक्स गरीब परिवार से था. इसलिए वह बेथेल पार्क स्किल्ड नर्सिंग एंड रिहैब सेंटर यानी एक नर्सिंग होम की किचन में काम करता था. कहा जा रहा है कि इसी नर्सिंग होम से कुछ दूरी पर इसका परिवार रहता था. हालांकि, अब वहां किसी को जाने की इजाजत नहीं दी जा रही है. केवल वहां के स्थानीय लोगों को ही अंदर या बाहर जाने की अनुमति है.