पेंसिल का लिखा मिटाने वाले इरेज़र ने मिटा दी जिंदगी, 8 महीने का बच्चा सदा के लिए सो गया
खबर बिहार से है, लेकिन सभी की आंखें खोलने वाली है। खासकर, जिन घरों में पढ़ने वाले बच्चे हैं। क्योंकि, यहां पेंसिल का लिखा मिटाने वाले इरेज़र ने किस्मत मिटा दी, जिंदगी खत्म कर दी। 8 महीने का एक बच्चा सदा के लिए सो गया।
यह खबर हर माता-पिता को अलर्ट करने वाली है। समस्तीपुर के सरायरंजन इलाके में बुधवार रात बच्चों के साथ खेल रहा एक आठ माह के बच्चे ने रबड़ (इरेजर) निगल गया। रबड़ उसके गले में फंस गया, जिससे उसकी मौत हो गई।
मृतक की पहचान सरायरंजन बाजार के कारोबारी राजा चौधरी का पुत्र मुन्ना (8 माह) के रूप में हुई। इस घटना के बाद परिवार के लोगों के बीच कोहराम मच गया।
बताया गया है कि सरायरंजन बाजार निवासी डीलर राजा चौधरी का पुत्र मुन्ना खेल रहा था। वहीं पर अन्य बच्चे पढ़ाई कर रहे थे। इसी दौरान मुन्ना ने एक रबड़ उठाकर निगल गया। रबड़ उसके गले में फंस गया।
हल्ला होने पर परिवार के आनन फानन में निजी व सरकारी हॉस्पिटल के बाद देर रात सदर अस्पताल लेकर पहुंचे जहां डॉक्टर ने उक्त बच्चे को मृत घोषित कर दिया।
निगल गया रबड़
परिवार के लोगों का कहना है कि बुधवार देर रात करीब साढे आठ बजे घर का अन्य बच्चा अपनी पढाई कर रहा था। मुन्ना भी उसी स्थान पर बच्चों के साथ था। इसी दौरान वह दूसरे बच्चा का रबड़ मुंह में रख लिया।
बच्चो द्वारा हल्ला किया गया। लेकिन तबतक मुन्ना ने रबड़ निगल गया। रबड़ निगलते ही वह बेहोश हो गया। हल्ला होने पर लोग उसके गले में फंसे रबड़ को निकालने का प्रयास किया लेकिन लोगों को सफलता नहीं मिली।
इसके बाद परिवार के लोग उसे अस्पताल लेकर गए लेकिन डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया।
इस बात का ध्यान जरूर रखें
समस्तीपुर सदर अस्पताल के डॉक्टर ने कहा कि खेल-खेल में मासूम बच्चे नाक गले में रबर, पेंसिल, चॉक के टुकडे़ फंसा लेते हैं। कई बार इसका पता भी नहीं चलता है कि और बच्चों के कान और नाक में इंफेक्शन हो जाता है।
इतना ही नहीं फूड पाइप में यह फंसने पर उनकी जान के लिए खतरनाक हो सकता है।
कई बार ऐसा भी देखा गया कि बच्चा कुछ निगल जाए, वह बाहर नहीं आ रहा। उसे सांस लेने में परेशानी हो रही हो और अगर शरीर नीला पड़ रहा हो तो स्पष्ट है कि उसके श्वास नली में जरूर कुछ फंसा गया। ऐसे में फौरन डॉक्टर के पास ले जाएं।