दुर्लभ बीमारी : ठीक होने के लिए चाहिए 17 करोड़ रुपये का इंजेक्शन

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18 महीने का अर्जुन एक गंभीर बीमारी का शिकार हो गया है.

जयपुर के रहने वाले पंकज जांगिड़ का डेढ़ साल का बेटा अर्जुन स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी टाइप वन नामक दुर्लभ बीमारी से ग्रसित हो गया है. डॉक्टरों ने इस बीमारी के इलाज के लिए 17 करोड़ रुपये का इजेक्शन मंगवाने की बात कही है. अर्जुन के माता- पिता ने उसके इलाज के लिए आम लोगों से आर्थिक मदद की गुहार लगाई है.

जयपुर में 18 माह के एक बच्चे के दुर्लभ बीमारी से पीड़ित होने का मामला सामने आया है. जयपुर के रहने वाले पंकज जांगिड़ का डेढ़ साल का बेटा अर्जुन स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी टाइप वन नामक बीमारी से जूझ रहा है. इसकी वजह से उसके शरीर में असहनीय दर्द होता है. डॉक्टरों ने इस गंभीर बीमारी का इलाज 17 करोड़ रुपये के इंजेक्शन से मिलने की बात कही है. उसके बाद से बच्चे के माता- पिता के सामने इलाज के लिए आर्थिक चुनौती खड़ी हो गई है. वे अपने बेटे की जिंदगी बचाने के लिए आम जन से लेकर सीएम और पीएम तक इसकी गुहार लगा चुके हैं.

बच्चे के पिता पंकज जांगिड़ ने बताया कि अर्जुन एक स्वस्थ्य बच्चे की तरह ही पैदा हुआ था. लेकिन 3 महीने के बाद ही उसके पैरों में कमजोरी महसूस होने लगी थी. पिछले 1 साल से बच्चे की तबीयत बिगड़ती गई और वीकनेस पूरे शरीर में हो गई थी. करीब आधा दर्जन डॉक्टरों को दिखाने के बाद टेस्ट कराया तो पता चला कि उसे एसएमए टाइप वन की बीमारी है. इस बीमारी के कारण अर्जुन को सांस लेने में तकलीफ होने लगी है.

प्राइवेट कंपनी में जॉब करते हैं बच्चे के पिता
गंभीर बीमारी से जूझ रहे अर्जुन के पिता पंकज जांगिड़ एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं. अर्जुन की मां पूनम जांगिड़ सरकारी स्कूल में लैब असिस्टेंट हैं. ऐसे में इन दोनों के लिए करोड़ों रुपये की रकम जुटाना बेहद मुश्किल कार्य है. डॉक्टरों के अनुसार बच्चे की इस बीमारी का इलाज केवल 2 वर्ष की आयु तक ही हो पाता है. फिलहाल बच्चे के परिजन क्राउड फंडिंग की मदद से पैसे जुटाने की कोशिश कर रहे हैं. इसके अलावा उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और राज्य के सीएम से भी मदद की गुहार लगाई है.

सिर्फ अमेरिका में मिलता है यह इंजेक्शन
जेके लॉन हॉस्पिटल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रियांशु माथुर ने बताया कि यह एक रेयर जेनेटिक डिजीज है जो लाखों मरीजों में से एकाध मरीज को ही होती है. यह बीमारी अक्सर माता- पिता से बच्चों में ट्रांसफर होती है जो तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करती है. यह किसी भी उम्र में हो सकती है. इस बीमारी के इलाज के लिए अमेरिका से इंजेक्शन मंगवाना पड़ेगा जिसकी कीमत 16 करोड़ है. इसको भारत तक लाने में टैक्स का खर्चा जोड़ने के बाद इसकी कीमत 17 करोड़ के आस- पास हो जाती है.

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